क्या हो जब आपके पास खोने को कुछ भी ना हो…… जब आप सब कुछ पहले ही हार के बैठे हो…. और ना ही कुछ पाने को हो आपके सामने तब आप ज़िंदगी को दिए जाते हो धक्के…..बिना कुछ सोचे…समझे ज़िंदगी नीरस लगने लगती है…आप ऊबने लगते हो कुछ उलझे हुए सवालों से ……आपको क्या होना था…..क्या हो गये
मेरी कहानी में इक लड़की थी। जो सलवार सूट में अव्वल लगती थी। उसने मुझसे कभी कुछ नही कहा। लेकिन जब भी हम दोनो की नज़रें टकराती थी तो उसकी आँखों को देखकर लगता था कि ये बहुत कुछ कहना चाहती है। उसका तो पता नही पर मेरे दिल में उसके लिए काफ़ी कुछ जज़्बात थे जिन्होंने अंदर ही अंदर ख़ुदख़ुशी कर ली! मुझे हमेशा लगता था कि अभी इजहार करने में बहुत वक्त पडा है। और बस मैं उसे देखता रहता था। इससे पहले कि उससे कुछ कहता तब तक बहुत देर हो चुकी थी। देर इतनी कि अब कुछ नही बचा। पिछली कई रातों से मैं सोया नही हुँ, एक अजीब से बेचैनी हो रही है।
जिसे कभी पाया नही…उसे खोने का डर सता रहा है।
नए जीवन के लिए शुभकामना लड़की!
जब भी तुम्हारा नाम आएगा ये दिल धड़कता रहेगा।
हमेशा देर कर देता हूँ मैं हर काम करने में ज़रूरी बात कहनी हो कोई वा'दा निभाना हो
हक़ीक़त और थी कुछ उस को जा के ये बताना हो हमेशा देर कर देता हूँ मैं हर काम करने में.....