आँचल सिंह  
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Joined 29 January 2022


Joined 29 January 2022
17 SEP 2022 AT 12:56

आज हम जहाँ-जिस दौर से गुज़र रहे हैं,
वहाँ अगर भगवान भी आकर स्वंय पूछें,
जो चाहिए मांगो,
तो इंसान आपनी सुलभता अनुसार ,
पुरी लिस्ट थमा दे,
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एक माँ ही है जो हर बार खुद से,
पहले अपने बच्चों की खुशीयां मांगती है,
हर दुआ में अपने बच्चों के लिए,
अपनी झोली फैलती है,
वो सिर्फ माँ है

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27 AUG 2022 AT 22:55

यु तो कई दफा,
चाहों या ना चाहों,
खालीपन का शोर,
काफी बद-हवास सा शोर,
मचाने को दहलीज पर,
आकर खङी हो जाती है....
जिसमें बिन चिंगारी के भी...
आग की लपटों में,
इंसान जल जाता है,,,

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19 AUG 2022 AT 6:43

जब सर पे मुरलीवाले का हाथ है,
तो जिंदगी उनकी धुन में,
सुकून भरी तो होगी ही.....




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16 AUG 2022 AT 12:42

एक वाक्या जेहन में,
ऐसी भी होती है,
जिसका जिक्र,
हम अपनी तन्हाई में भी,
करना पसंद नहीं करते....

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15 AUG 2022 AT 6:54

गौरव की गाथा,
नई लिख जाने को,
मातृभूमि की,
शोभा बढाने को,
अखंड भारत में एक नए,
अध्याय जुङ जाने को,
आजादी के इस स्वर्णिम,
अवसर को एक बार फिर,
सुशोभित होने को,
देखो देश मेरा उठ तैयार,
हो रहा एक नया इतिहास,
गढ़ जाने को,

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9 AUG 2022 AT 23:32

यादों की बेचैनी भी,
एक वक़्त में ऐसा शोर मचाती है,
कि दिल चाहता है,
उस गलती को फिर दोहराए,
जिससे बिते लम्हें,
एक बार फिर से समाने दस्तक दे,

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8 MAY 2022 AT 12:56

यु तो पुरी दुनिया,
में आँचल हूँ,
इससे नहीं जानती मुझे,
मुझमें कमियाँ कितनी
सारी,
ये पुरी दुनिया,
जानती है,
और उन्हें कभी वजह,
से तो कभी बे-वजह,
नजर भी आती रहती हैं,
कोई नई बात नहीं है,
फिर भी इन सब से उपर है,
तुम्हारा होना जो मेरी,
बात-बात पे गुस्सा होने,
को भी झेल लेती है,
पुरी दुनिया को एक हिस्से,
में छोङकर,
खुद मुझे खुश करने,
मेरे हिस्से आ जाती है,
सच मम्मा मेरे पास,
तुमसे बङी कोई दौलत नहीं.....

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1 MAR 2022 AT 10:37

सच्ची प्रेम हो,
या,
सच्ची भक्ति,
महादेव से बङी,
कोई प्रकाष्ठा कोई नहीं,

आँचल सिंह
— % &

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14 FEB 2022 AT 7:40

इस दुनिया में हर कोई अपनी,
उलझनों में उलझ कर,
अपनों की तालाश में रहता है,
कोई ये भी तो देख ले,
की वो,
हमारी हिफाज़त में,
अपनों की खुशियों,
दांव पर लगा गए,— % &

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