ससक्त भारत देश है हमारा,
है पावन इस देश की माटी,
रक्षा करते हिम-बीर है माँ के,
देख लो दुनिया वाले,
इन वीर सपूतों की कहानी,
ये नया है हिन्दूस्तान हमारा,
जहाँ की सौम्य शक्ति की है,
गाथा निराली,
यह अमिट भारत की,
नई कहानी,
जो धारा की लाज बचाने को,
मर मिटे,
यह नए भारत की,
सौम्य कहानी,
हिमवीर ठाना है,
सौम्य भारत और सख्त भारत को,
बनाना है,
आँचल सिंह🇮🇳
-
कृपया मेरी लेखनी को मेरे व्यक्तिगत से ना जोङे🙏
हर किसी क... read more
भुले हुए को अपनी याद दिलाना,
हक है हमारा,
पर जो नजर-अंदाज करें,
उसे नजर ना आना,
ये फर्ज है हमारा,-
परवाह सच्ची हो तभी आना,
क्यु-की मैंने अक्सर परवाह को,
पैसे से बिकते देखा है,-
ज़िंदगी हमेशा मौका तब देती है,
जब हम बर्बादी के कगार पर खङे होते हैं,-
अगर अपनो के नाम को सूची में लिखना शुरु करें,
तो पुरी दुनिया अपनी ही कह-लायेगी,
लेकिन हकिकत तो तुम जानते हो,
ना बप्पा❣-
जनवरी से सफर की शुरुआत हुई,
दिसंबर में हुई वर्ष का अंत,
कुछ ख्वाबों में रंग भरा तो,
कुछ रह गए बेरंग,
कुछ रिश्तो को नया आशियां मिला,
तो कुछ का हो गया अंत,
मिलकर बिछड़ना,
और बिछड़ कर मिलना,
है जीवन का यह भी एक रूप,
उम्मीदों का सावन यू आते रहेंगे,
काली घटाएं बादलों के साथ,
दस्तक देते रहेंगे,
हम ना रुक सके, और ना,
हम रुक पाएंगे,
हो घनघोर घटाएं,
क्यों ना काली,
नव सवेरा लाने से,
उदित की किरणों को,
ना रोक पाएंगी,
आँचल सिंह
-
जब मन चाहे-अनचाहे,
सवालों के बीच,
फस जाता है,
तो एक जबाब,
गुलाब की दहलीज पर,
खङे होने से,
ही मिलती है,-
मैंने कई दफा देखा है,
तुम्हारे कदम उस और पङते हुए,
जिससे हमने बरसों पहले,
आपना नाता तोड़ लिया है,-
हिन्दू है हम,
तुलसी हमारी देवी है,
ज्ञान से विज्ञान को करती,
ये गौरवान्वित है,
हर शाम दिऐ की ज्योती से,
जगमग करती रहती है,
हिन्दु है हम,
घर आँगन में होकर,
पहचान करवाती हैं-
उम्मीद थी की जो खुशी रात के,
अंधेरे में धुधली सी दिखी,
इंतजार था की दिन के उजाले में,
साफ दिखाई देंगी,
लेकिन अफसोस,
यहाँ भी बेताहाशा अंधेरा ही मिला...-