Aanand Joshi   (Anand Joshi)
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मोहब्बत बैकार ही बदनाम हुई ज़नाब,
वर्ना नींद तो ज़िम्मेदारियों ने उड़ा रखी हे हमारी।
Joined 30 May 2019


मोहब्बत बैकार ही बदनाम हुई ज़नाब,
वर्ना नींद तो ज़िम्मेदारियों ने उड़ा रखी हे हमारी।
Joined 30 May 2019
23 APR AT 21:49

भारत माँ के दामन पर क्या गहरे दाग लगाए थे,
काफिरों की फौज़ ऐसे अपने रंग दिखलाए थे।
धर्म पूछ कर मारा जिनको हां वे सारे दोषी थे,
दोष था उनका केवल इतना हिन्दू माँ के जाए थे।।

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22 APR AT 22:44

चन्द लम्हें साथ बिताए फिर जाने कहां खो गए,
ख़्वाब था तुम्हें पाने का और तुम ख़ुद ख़्वाब हो गए।

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8 SEP 2024 AT 21:17

The biggest lie.

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8 SEP 2024 AT 20:26

मुश्किल सा हो गया तेरे साथ खुश रहना ज़िंदगी,
मुनासिब होगा तू अब मेरा साथ छोड़ दे।

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16 JUL 2023 AT 5:47

खाली बैठे हो बेहतर है कुछ काम करो,
रात को दिन करो सुबह को शाम करो।
दिल के टुकड़े कर चाहते हो इश्क़ करु,
याने हाथ काट कर कहते हो काम करो।
उम्र बीत चुकी तुम्हे अब इसका क्या करना है,
ये दौलत _ए _शायरी नई नस्लों के नाम करो।
थक चुका हूं दुनिया दारी की रस्मों को ढोते,
मेरे यारो अब मेरा भी कोई इंतज़ाम करो।
ज़माने में मशहुर होते हैं ये बदनाम लोग,
आपसे गुज़ारिश है मुझे भी बदनाम करो।

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25 AUG 2022 AT 9:07

एक सितम तुम्हारा मुझे बड़ा तड़पाता है,
तुम बात बदल देती हो जब ज़िक्र मोहब्बत आता है ।

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14 AUG 2022 AT 9:33

उन्होंने कब चाहा के सितारा बन आसमां जगमगाएं,
कब इच्छा की फिल्मी गीतों के साथ गुनगुनाए जाएं।

वो जियाले गोली बारूदों को भी सीने पर झेल गए,
बात देश रक्षा की आई तो मौत से भी बाज़ी खेल गए।

सर्दी गर्मी बारिश कोई मौसम इनको झुका नहीं सका,
तूफ़ान भी इन मतवालों का हौंसला डिगा नहीं सका ।

बस देश ने आवाज़ दी और अचानक कहीं खो गए,
बोल कर वंदे मातरम् मृत्यु शैया पर गहरी नींद सो गए।

उन शहीदों की शहादत का हम लोगों पर उधार रहेगा,
हजारों वर्षो तक तिरंगा शहीदों का कर्जदार रहेगा।

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10 AUG 2022 AT 17:48

आज सब कुछ है मेरे पास बताओ किस चीज़ की कसर है,
मेरा अपना कुछ नहीं एक धागे में छुपी दुआओं का असर है।

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7 AUG 2022 AT 22:18

🙏🙏🙏🙏
मस्तक सोहे चंद्रमा और जटा में गंग धार,
गले सर्प व चिता भस्म से भोले का होता श्रृंगार।
कैलाश पर वास करे श्रृष्टि का उठाते भार,
त्रिलोकी श्री महाकाल को करते सादर नमस्कार।
-Anand_Joshi

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23 JUL 2022 AT 19:08

पलकों को यूं ही भिगो रहा हूं मैं,
खुदको तुझमें डुबो रहा हूं मैं ।
तुझे पाने की नाकाम कोशिश में,
अपने वजूद को खो रहा हूं मैं।

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