जिस दिन लोग 'मोहब्बत' और 'मतलब'
में फर्क समझने लगेंगे ,
शायद उस दिन दुनिया से
बेवफाई का वजूद मिट जायेगा।।।।-
Yaad Rakhna Ayga Zarur........
अब उससे बात नहीं होती
में जागता रहता हूं मेरी रात नहीं होती ।।
अब अकेला चलता हूं रास्तों पर
वो मेरे अब साथ नहीं होती ।।।
और किसी से मिलने की खुवाहिश नहीं मुझे
क्योंकि अब उससे मेरी मुलाकात नहीं होती ।।
बादल बहुत गरजते हैं मेरे साए पर
लेकिन अब पहले जैसी बरसात नहीं होती ।।
लोग कहते हैं करले फिर से मोहब्बत
पर शायद जान गया हूं मैं
हर मोहब्बत पाक नहीं होती ।।।।।।-
Opposite attracts to eachother suna tha....
Pr opposite also heals pehli bar pta chala!!!-
Kabhi na kabhi vo mere barey mein sochegi to zarur ....
Pa lene ki umeed b nhi thi phir bhi itni wafa kiya karta tha!!!!!
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Ki shayd uske raste mein mujhse behtar log padh gaye....
Vo bewafa toh na the par haan aagey zarur badh gaye.....-
तू दूसरे की ज़िन्दगी को जहन्नुम बना कर ,
झुका है सजदों में अपनी खुशियो के लिए
और कहता है कि खुदा है तो सुनता क्यों नही।।।-
ये मसरूफियत की परेशानी
जो है बेफुजूल की कहानी
जो सुनाये जा रहे हो तुम ,
अब भी कुछ झूठे ख्वाब
जाने क्यों दिखाए जा रहे हो तुम ,
न मैं चालाक हु न गुस्सा आता है अब मुझे
फिर भी न जाने क्यों घबराये जा रहे हो तुम
साफ लफ़्ज़ों में कहो न दिल भर गया है तुम्हारा
इतनी सी बात है और घुमाये जा रहे हो तुम ।।।
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मेरे शहर में रहते राम हैं
यहाँ दिल में बस्ता ईमान है ।।।
इस रामपुर शहर में इंसानियत बस्ती है साहब
यहाँ न कोई हिन्दू न कोई मुसलमान है।।।।-
तू जागती रहे और मै सौ जाऊ
तेरे पास आकर मैं रो जाऊ
तेरे कन्धे पर सर रख कर
मैं कही तुझ में खो जाऊ ,
तू थाम ले मुझे इस तरह
तेरी बाहों मैं आकर टूट जाऊ ,
तू मेरे माथे को चूमे इस तरह
मैं हर गम अपना भूल जाऊ ।।
के मैं तेरी खामोशी को पढू
बिन कहे ही सब कह जाऊ ,
के तू मेरी आँखों मैं देख कर
कुछ ऐसा गुनगुनाये
सुन कर जिसे हर खुवाहिश भूल जाऊ ।।
तू ऐसे रोकले मुझे इस दफा
के मैं अपने घर जाना भूल जाऊ ,
तू एक बार फिर से कहे
की में सिर्फ तुम्हारी हूँ ,
यकीन मैं एकबार फिर से कर जाऊ ।।
ज़िन्दगी तेरे साथ जी जाऊ
की तू जागती रहे और मैं सो जाऊ
तेरे खयालो में ऐसे खो जाऊ
के तू उठाये मुझे मुद्दतो से
और मैं हमेशा के लिए सो जाऊ।।।।
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मेरी मोहब्बत से बढकर अब उनके गुनाह हो गए हैं,
शायद इसलिए ही हम उनसे अब जुदा हो गए हैं।।
गलतियों की माफी होती है और गुनाहों की सज़ा,
सुना है जिसके लिए हमें छोड़ कर गए थे
वो भी उनसे अब बेवफा हो गए हैं ।।।।।।।।
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