आवाज को दबाने लिए
पुलिस की लाठी गिरे
निर्दोष छात्रों पर
पानी की बौछार पड़े
इस कपकपाती ठंड में
सब अब कुछ सहना होगा
सरकार को अब गिराना होगा...।
छात्राओं पर लाठी चले
शिक्षकों को जेल मिले
पुलिस की बर्बरता को
दिलो दिमाग में रखना होगा
सरकार की मनमानी को
चुनाव में सबक सिखाना होगा
सरकार को अब गिराना होगा..।-
वक्त बीतेगा सपने टूटेंगे और लोग छूटेंगे,
पर तुम हर बार जिंदगी मे कुछ नया सीखोगे।-
मुस्किल दौर में,
जब रास्ते बंद नजर आ जाए...
उम्मीद का तिनका,
एक नई सुबह लेकर आती है...।
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जब तुम थे ,
तो उस घर से एक रिश्ता था
अब तुम नही हो
घर अब खाली-सा लगता है।
जब भी,
उस रास्ते से गुजरता था
एक प्रेम खिंच ला देती थी
जब घर के अंदर जाता था
ममतामयी प्रेम बरसती थी
अब घर की कोना कोना भी
ग़म के आंसू संग रोता है
अब तुम नही हो
घर अब खाली सा लगता है..!-
हुआ तो कुछ भी नहीं,
बस थोड़े से ख्वाब टूटे हैं,
और थोड़े से लोग बिछड़े हैं.
थोड़ा रुका जरूर था,
पर जरा सी अफसोस नही है
जिंदगी गतिमान है
पाव भी अब खामोश नही है..!-
पीली रंग की चादर ओढ़े
हरियाली की रंग बिखेरे
खेतो में सौंधी खुसबू आई
हाँ..हाँ ..देखो बसंत आई-
धर्म की शिक्षा
अगर लोमड़ी से लिया जाए
तो मुर्गी चुराना भी
पूण्य का काम माना जायेगा..!
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रिश्तों के धागों में लोग अब सुई जैसे बन गए है
बातें जो पहले सुकून थी अब काटें चुभने लगे है..!-