चाहत सिर्फ उसे चाहने की थी फिर भी हम बहुत आजमाए गए हैं... मत पूछो वजह इस मुस्कुराहट की हर बार बेवजह ही हम रुलाए गए हैं... ख़ामोश हूॅं जो अब तो ख़ामोश ही रहने दो एक वक़्त में हद पार हम सताए गए हैं... जहाॅं को छोड़ा था हमने जिसके वास्ते उसी के दिल से हम आज निकाले गए हैं....!!!
दावा करते हो वफा करने की तो बताओ,,यूं अकेला क्यों छोड़ दिया हैं..?? ख़ैर,,तुमसे तुम्हारी शिकायत भी क्या करूं अब तुमने इतने प्यार से जो बर्बाद किया हैं...!!!
जो खता हर बार हो तो उसे खता नहीं कहते ये दर्द किसी अपने ने दिया हैं,, किसी से इसकी वजह नहीं कहते.... और मन हो तुम्हारा जब आ जाओ करीब मेरे ये "मतलब"हैं जनाब,,इसे वफा नहीं कहते...!!!
यूं नजरअंदाज करने के लिए कब तक मजबूरियों को अपना सहारा बनाओगे..?? और जो कह दूं के मौत नजदीक हैं मेरे तो क्या फिर अपनी मजबूरियों का बहाना दोबारा बनाओगे....???