न जानें आज तलक मुझे मोहब्बत से मिला क्या है?
सोचता हूं कि दर्द के सिवाय मुझमें बचा क्या है?
एक जुर्म की मुद्दतों से सज़ा काट रहा हूं,
और मुझे ये पता भी नहीं कि मैने किया क्या है?-
उसके ऊपर मैं अपनी दुनियां वार बैठा हूं,
उसके खातिर मैं अपना सब कुछ बिगाड़ बैठा हूं,
वक्त आया तो वो मुकर गई अपनी बातों से,
मैं बिना लड़े ही मोहब्बत की जंग हार बैठा हूं।-
आंखों में पानी भरे मुझे घूरता रहा,
आईने में खड़ा शख्स परेशान बहुत था।-
खुद को इतना मत बचाया कर,
बारिश हो तो भीग जाया कर।
Calm ले कुछ हसीन होठों से,
बातों बातों पे मुस्कुराया कर।
चांद लाकर कोई नही देगा,
अपने चेहरे से जगमगाया कर।
धूप मायूस होकर लौट जाती है,
छत पर कपड़े सुखाने आया कर।
कौन कहता है दिल मिलाने को,
कम से कम आँख तो मिलाया कर।।-
तक़दीर पे भरोसा नहीं करते,
क़िस्मत तो उनकी भी होती है जिनके हांथ नहीं होते,
बस एक सीख ली है ज़िंदगी से,
जब बुरा वक्त हो तो उसको मैं कोशा नहीं करता,
कोई कितना भी अपना हों,
माफ़ करना, मैं भरोसा नहीं करता।-
मोहब्बत किसी और की, किसी और के सर पर सेहरा होता है,
लोग तलाश लेते हैं अपने ही शहर में नया हमसफ़र,
कौन कहता है दूर रह कर प्यार और भी गहरा होता है?-
सबेरा, दोपहर, बताते बताते शाम हो जायेगी,
उसे याद करके मेरी रातें हराम हो जायेगी,
उसने किया है क्या क्या, मैं बता तो दूं,
पर वो बेवकूफ, बेवफ़ा, बदनाम हो जाएगी।-
दिल टूट गया, कोई बात नहीं,
हांथ छुट गया, कोई बात नहीं,
साथ छुट गया, कोई बात नहीं,
मैं राह, तू राही, कोई बात नहीं,
मैं रास्ता, तू मंज़िल, कोई बात नहीं,
तू समझदार, मैं जाहिल, कोई बात नहीं,
तू समंदर, मैं साहिल, कोई बात नहीं,
मैं हर जगह गलत, तू हर जगह सही, कोई बात नहीं
लेकिन एक दिन आयेगा, जब मै हसूंगा और तू रोयेगी,
और तू ना भी रोई, तो कोई बात नहीं। 💔😭-
मुफ़्त ले जाओ हमे दाम से डर लगता हैं,
ऐ गुलामी हमें नीलाम से डर लगता हैं,
जाने-मन काम तो अच्छा है मोहब्बत लेकिन
हमको इस काम से अंजाम से डर लगता हैं।-
चल गया होगा पता ये आपको
बेवफ़ा कहते हैं लड़के आपको,
एक ज़रा से हुस्न पे इतनी अकड़
तू समझती क्या है अपने आपको,
मुफ़्त में दिल तोड़ते हो या फिर
इस काम के मिलते हैं पैसे आपको ।-