Aakriti ♥   (Aakriti Thakur)
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I am an intoxicating collection of poems,roses and stardust.
Joined 28 February 2021


I am an intoxicating collection of poems,roses and stardust.
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12 MAY 2023 AT 18:31

Bas khud ka Sath hi Sacha lagta hai ab ...
Sada 'libaj' aur 'kacha makaan' bhi acha lagta hai ab....

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11 MAY 2022 AT 19:56

नफरत को क्यूँ कोसना??....
मेरे लिए मोहब्बत भी कुछ असान नही...
जो हासिल है उसकी चाहत नहीं....
और जिसकी चाहत है वो हासिल नहीं...

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6 MAY 2022 AT 16:37

हर शायरी सिर्फ शायरी नहीं,कुछ शायरों की असल कहानी होती है....
हर लड़की पापा की परी नहीं, कुछ अपनी माँ की नौकरानी होती है...

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19 FEB 2022 AT 6:53

मैं खुदा को मेहरबान समझूंगी, अगर तपती धूप में भी भारी बरसात हो और यह मन की कली खिल जाये
बेशक मैं जन्मों का थकान भूल जाऊँगी, अगर मेरे महबूब की हाथ की मुझे एक कप चाय मिल जाये...

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18 FEB 2022 AT 7:22

जंजीर - ए - मोहब्बत
मे बंध तो गए तेरे खातिर,
अब बस यह जमाना हमे
पत्थर-ए -जुदाई
ना माड़े...
हार जाये चाहे अपनी जिन्दगी का मुकदमा हम,
पर बस इस
सितम - ए - अदालत मे
हम अपनी मोहब्बत का मुकदमा ना हारे...

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16 FEB 2022 AT 7:03

Kyun tu bewajah meri
mohabbat
pe sakh kar mujhse
ruth jaya karta hai...
Are hum toh woh ashiq hai,
jise tu roz
chath
pe na dikhe toh
dil tut jaya karta hai... — % &

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28 JAN 2022 AT 8:18

क्या सुनाए हाल - ए - दिल अपना , बस सालों से कुछ ज़ज्बात उसमे दबे पड़े हैं...
इजहार -ए -मोहब्बत भी कैसे करे जनाब??!!! , हम तो कुछ गलतफहमियों के वजह से अपनी "मोहब्बत" की नजरों से ही गिरे पड़े है...
— % &

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25 JAN 2022 AT 18:37

Wo to teri mohabbat se majboor hai, tabhi sajde me sar jhuka liya karte hain...
Warna hum toh wo bala hai janab, jo sesha maar pathar tod diya karte hain... — % &

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23 JAN 2022 AT 23:34

Friends:-Go and ask her for marriage, the worst she'll say is no.


Le she:- main shaadi sirf usse karungi, Jo mere saath cinema hall mein anabelle dekhne ki himmat rakhta ho.

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22 JAN 2022 AT 22:15

बखूबी याद है आपका साथ निभाना उस वक़्त, जब ना जाने क्यूँ पर हर बात के लिए लोग हमे ही कोसा करते थे...
चाहे जाए हम उन्हें कितना भी मनाने, पर हर छोटी सी बात पे सब हमसे रूठा करते थे...
वो वक़्त बुरा तो था पर खुशी है कि हमारे आंसुओं को पोछने के लिए आप हर वक़्त मेरे पास हुआ करते थे...
जब सबको हमारे नाम तक से नफरत थी, तब आप यही नाम अपने पौधों के हर पत्ते पर लिखा करते थे....

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