29 APR 2018 AT 13:50

❝ हमारा इश्क़ / थोड़ा / अधूरा सा था ❞

न उसने ,वो पहला वाला
मदहोशी से भरा ,कभी इकरार किया ।
और मैंने भी ,इस दिल के उन गुमनाम परतों से
इस पहले प्यार का ,वो पहला वाला इज़हार किया ।

❝ पर ये वक़्त थमता नहीं / शायद / ❞

/ और अब / हम अगर कभी यू ही मिल जाए
तो इस अधूरी दांस्ता को भी
थोड़ा मुक्कमल सा तो ,ज़रूर कर जाएंगे ।
❛ एक दूसरे के न हो पाए - तो क्या ❜
किसी और से लिपटकर ही सही
इस अधूरे रिश्ते को भी
बस हौले से , बस थोड़ा सा , बस यूं ही
थोड़ा पूरा / या / शायद उससे भी ज़्यादा अधूरा
ज़रूर कर जाएंगे ।

- Nidhi