25 FEB 2018 AT 12:53

चल छोड़ दिया
पर तूने
उन राहो को
उन बाहों को
पर मुझे तो तेरी भीनी-भीनी खुशबू
आज भी आती है,
अरे तेरे न चाहने से क्या होता है,
मुझे तो तेरी यादे भी सताती है,
तेरा वो लबों से, बस यूं ही फ़िसल जाना
मुझे दर्द में देख, तेरा वो घबरा सा जाना।
पर कभी बस यूं ही टकराए, तो बतलाना ज़रूर
क्योंकि तू जतला नही पाएगा न
कि तू मुझे सच मे भूल पाया, उस हद तक।

//टकराना ज़रूर

- Nidhi