Aakash Singh   (Aakash Singh)
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Joined 12 September 2017


Joined 12 September 2017
18 AUG 2021 AT 16:40

I WANT TO WRITE !

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18 JUL 2021 AT 11:25

कई मोड़ मिले मुझे उन राहों में,
कुछ छूट गए कुछ छोड़ दिये ।
जब मन की राह ना मिली कभी,
तो खुद ही रास्ते मोड़ दिए ।

कभी टिस लिए,कभी मौन लिए,
बस चला किया मैं ख्वाब की ओर,
मंजिल से रास्ता रोक फिर एक दिन,
मेरे सारे संशय तोड़ दिए ।

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18 JUL 2021 AT 11:10

कोई रहम ना करना,
ऐ जिंदगी मेरी कहानी पर ;
तेरे चालों पर ही टिकी है,
उड़ानों की ऊंचाई मेरी ।

मजबूती मेरे पंख की,
ना कमजोर कर तू लाड़ में,
तेरे बेरहम रवैये से ही,
मुझे है पता सच्चाई मेरी ।

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5 JUL 2021 AT 23:25

मेरा कुछ पक्का नही है......

आजकल कहीं भी सो सकता हूँ,खुद को नशे में डुबो सकता हूँ,
हिज्र वाली चुनरिया में,मैं,
अपना नाम पिरो सकता हूँ,

है इश्क़ तुम्हारा काबा काशी
मेरा कोई मक्का नही है,
मेरा कुछ पक्का नही है ।

रातों में उजाला चाहता हूं
तेरे हाँथ से निवाला चाहता हूं,
वो चाय जो हम तुम पी ना पाए,
उसके झूठे पियाले चाहता हूं,

उस चाय का बिल भी चुकाना है,
पर जेब में सिक्का भी नही है
मेरा कुछ पक्का नही है....

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16 MAY 2021 AT 19:12

ज्यादा कुछ सोचा नहीं,
हमने तुमको ज़िन्दगी,
कह दिया तो कह दिया
तुम्हारे बाद ये दिल
कहीं लगना है मुश्किल
शौक़ हो तुम आखिरी
कह दिया तो कह दिया ......

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15 SEP 2020 AT 13:19

Democracy is incomplete n inaccurate in any country unless women of that nation are provided with complete freedom !

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15 SEP 2020 AT 12:19

सपने देखना आम बात है,
सपनो को पूरा करना एक चुनौती है,
सपने तो हर कोई देखा करते हैं,
उन पर डटे रहना एक चुनौती है,
सपने को साकार करने के लिए,
सपने देखना जरूरी है किंतु,
सपने को देखते हुए,
उन्हें साकार करना एक चुनौती है,
और जो सपनों को देखते हुए,
उन्हें साकार कर दे और फिर,
दूसरे सपने की तरफ चल दे,
वही एक सच्चा ENGINEER है ।

Happy Engineer's Day

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14 SEP 2020 AT 19:48

हिंदी भाषा,
हिंदुस्तानी हैं हम गर्व करो हिंदी भाषा पर,
उससे सम्मान दिलाना और देना कर्तव्य है हम पर
सुंदर है मनोरम है मीठी है सरल है,
ओजस्वनि है और अनूठी है ये हिंदी
तुलसी,कबीर,मीरा ने इसमें ही लिखा है,
कवि सुर के सागर की गागर है ये हिंदी
यूँ तो देश में कई और भाषाएँ और हैं,
पर राष्ट्र की माथे की बिंदी है ये हिंदी।
जिसने पूरे देश को जोड़े रखा है,
वो मजबूत धागा है हिंदी
सरल शब्दों में कहा जाए तो
जीवन की परिभाषा है हिंदी
पल भर के लिए जरा सोचो इंसान
रख पाते हैं हम इसका कितना ध्यान,
सिर्फ 14 सितंबर को ही करते हैं
अपनी राष्ट्र भाषा का सम्मान
14 सितंबर को ही क्यों
याद आता है बस हिंदी बचाओ अभियान
क्यों बाद में समझते हैं अपना
हिंदी बोलने में अपमान
अरे खोये हुए भारतीय इंसान
अब तो जगाओ अपना सोया हुआ स्वाभिमान
उठ खड़े हो करें मिलकर प्रयास हम
दिलाएं अपनी मातृभाषा को हम अंतराष्ट्रीय पहचान

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9 JUL 2020 AT 9:51

I WANT TO WRITE !

(read caption)

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14 JUN 2020 AT 20:37

एक और दफे नब्ज जांच लेना साहिब,
कलाकार उम्दा था,
कहीं किरदार में ना हो...

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