हर सुबह मैं कुछ बातें जोड़ कर रखता हूं, जो तुमसे करनी हैं..
हर सुबह मैं फिर तुम्हारी बातों में आ जाता हूं..-
एक आवज़ हूँ मुझे कहने दो
मिट्टी हूँ कल मिल ही जाऊंगा
आज हवा हूँ तो बहने द... read more
मैं आकाश हूं, और मुझे तुमसे मिलना हैं क्षितिज में कहीं...
तुम अगर मेरी जमीं हों? तो लहलहा कर मिलना....-
छोड़ तो सकता हूं, मगर छोड़ नहीं पाता
वो शख्स मेरी बिगडी हुई आदतों की तरह हैं-
🙏🏻दीपावली अभिनंदन 🙏🏻
सिर्फ अपना कारवां अंतिम नहीं
राह के काँटे को, कम करते चले
लक्ष्य- पथ के हर अजाने मोड़ पर
नेह के नव दीप, हम धरते चले
स्नेहाधीन
अरविंद शर्मा 🙏-
भले ही मैं तुम से सब नहीं कहता ।।
पर तुम मेरा वो सच हों, जिस से मैं झूठ नहीं कहता ।।-
जो मुझ पर कर्ज हैं, उसका हिसाब क्यों नहीं करता ?
वो चाहता तो हैं, पर मुझसे बात क्यों नहीं करता ?-
तुझे सोचते ही “मैं” से “हम" बन जाता हूँ ।।
तू वो शख्स हैं, जो मुझे अकेला नहीं रहने देता ।।-
प्यार तोड़ता है, तो यार ही काम आएगा
पुराना सूत्र हैं, हर बार काम आएगा-
इक तू हैं, जो मुझसे बात नहीं करता
इक हम हैं, जो तेरी बात में आ जाते हैं-