साथ पाकर तुम्हरा हर मुश्किल को आसान पाया हैं,
कोई नही था जब यहाँ हमार, तुम सबने अपना बनाया हैं,
बे जान ही होती ये कहनी हमरी, जो तुम सब ना होते,
रंगीन बनी ये मित्रता हमारी तुम सबको पाने से,
खुशनसीबी हैं मेरी जो तुमने मुझे मित्र बनाया हैं।
Happy मित्रता Day👬👭👫-
Psand aay to rekh lena us shayri ko ,
Hr sha... read more
बाते तो बतादे हम सारी मन की,
पर हमें बाते बतानी कहां आती हैं।।
कर लेते हैं यूं तो खुद मे बदलाव काई,
पर कहीँ ना कहीँ कुछ आदतें रह जाती हैं।।-
दिल का इशारा हैं, झुक्लाउं कैसे
उन्के दिल ने पुकार हैं, ठुकराऊं कैसे
कहने को तो कहती रही दुनिया की चाँद मे दाग बहोत हैं,
पर हम तो चन्द्नी पर मरते हैं, दाग देख जाउँ कैसे।।-
दीपों के उजालो संग रोशन हुआ जग सारा,
रंग बिरंगी खुशियों संग गुलशन हुआ घर सारा।।
हर तरफ बस जाने दो धुन ये,
आखिर दीपावली तो तैयोहार हैं हमारा।।-
हर दर्द भुला कर एक पल को खुशी मे खोना हैं,
इन बंधी बाहो को फैला कर आसमां की चादर पर सोना हैं,
कब तक रहेगा वो लम्हा संग हमारे हमे खबर तक नही,
बस तब तक खुशी का हर मनका जिन्दगी की माला मे पिरोना हैं,
.
हर दर्द भुला कर.....-
बस हस दिए उस बात पर,
जाहँ आखो से, आसू बाहना सही था,
बस चल दिए एक एसी राह पर,
जाहँ जाने से, कुछ पल रुक जाना सही था।।-
मन होगा हल्का, ये सोच कर लिख लिया करते थे,
सब आछा होगा सोच कर, घूट लम्हा पी लिया करते थे।
बढ चूका हैं आज बोझ इतना, की बाते मन से उतरती ही नही,
लिख नही रहे हैं आज कल, बस ये सोच लिया करते थे,
मन होगा हल्का, ये सोच कर लिख लिया करते थे।।-
दिल कि बातो को दिल मे दबाना सही तो नही,
ये जान कर भी बाते दिल कि हमनें कही भी नही।।
समझाते रहे जमाने को खुश रहने के तरीके हजारों,
पर खुद कि खुशी के लिए वो बाते हमे याद रही भी नही।।-
लबो पे हसी, पर आखो में कैसा नमी का पहरा हैं।
कौनसी हैं बाते वो जिनसे मन ये इतना गहरा हैं।।
ना जाने क्यौं दिख रही हैं वो बाते मुझे,
जिन्हे दुनिया से छिपाना वो चाहते हैं,
शायद उन्हे खुशी दिलाने ही, दिल मेरा भी अब ठहरा हैं।।-
भुला सको तो भुला देना जो बाते मन को खा रही हैं,
ना जानू मैं भी कि बाते सारी, वो मेरे भीतर से क्यो आ रही हैं,
ना चाहा कभी, कि करू मैं दुखी, यू बे व्झा कभी तो,
पर फिर भी अनजाने मे मेरी गलतियाँ बढती जा रही हैं,
भुला सको तो भुला देना जो बाते मन को खा रही हैं।
दिल दुखा कर, शायद तो मेरा हक भी नही ।।
पर,
मेरी कलम तुमको लिख कर माफी अपना फर्ज निभा रही हैं।।-