सोचा था आकर घर थोड़ा ठहर जाऊंगा
फिर समझ आया
बहने का नाम ही ज़िन्दगी है-
जिस पल तुम मेरे साथ के एहसास को शब्दों मे बयां कर पाओगे
दुनिया तुम्हें शायर कहेगी-
कुछ जिम्मेदारियां बचपन जीने कहाँ देती है
कुछ उम्मीदें चैन से सोने कहाँ देती है
कुछ बेतुक बातें ठीक से रोने कहाँ देती हैं
मर्दो कि शान हि ऐसी है
पिघल तो सकता है लेकिन पत्थर दिल को मोम होने कहाँ देती है
हम बचपन मे ही जवान हो जाते है
खेलने कि उमर मे कंधो पर बोझ ढो लेते है
मन भारी हो तो तकिया मे मुँह घुसा कर सो लेते है
झूठी मान हि ऐसी है
आँखों मे पानी लेकर भी मुस्कान के साथ हो लेते हैं-
कुछ जिम्मेदारियां बचपन जीने कहाँ देती है
कुछ उम्मीदें चैन से सोने कहाँ देती है
कुछ बीना तूक् कि बातें ठीक से रोने भी कुछ जिम्मेदारियां बचपन जीने कहाँ देती है
कुछ उम्मीदें चैन से सोने कहाँ देती है
कुछ बेतुक कि बातें ठीक से रोने कहाँ देती हैं
मर्दो कि शान हि ऐसी है
पिघल तो सकता है लेकिन पत्थर दिल को मोम होने कहाँ देती है
हम बचपन मे ही जवान हो जाते है
खेलने कि उमर मे कंधो पर बोझ ढो लेते है
मन भारी हो तो तकिया मे मुँह घुसा कर सो लेते है
झूठी मान हि ऐसी है
आँखों मे पानी लेकर भी मुस्कान के साथ हो लेते हैं-
If BAE is not responding
You are no more Authorize one
Can be 404 error also (BAE not found)
-
A relationship of couple is not a <html template>
Which can be customized every moment
It comes with static emotion which remains constant throughout its life cycle-
अलविदा भी हसके ही करेंगे दोस्त तुजे
बिपरीत परिस्थितियों में भी जीना जो तुमने सिखाया है.
अलविदा2020-
सड़को पे न जाने कितनी तमन्ना युहीं बिखर जाती है
बनाओ औकात और समेट दो उनको किसी के दामन में
फरियाद उनकी पूरी होजायेगी
दुआओँ के काबिल तुम हो जाओगे-
क्या अब भी झोला उठाना है
क्या अब भी मिलो पैदल चल जाना है
बच्चों से भी मजदूरी करवाना है
ट्रेन में फिर से भेड़ बकरी के तरह धक्के खाना है
आपन बिटिया को छोड़कर,
क्या प्रदेश में पैसा कमाना है
बहुत कर लिए अब वोट बर्बाद
अब मौका नहीं गवाना है
आपन बच्चोंं का भविष्य बनाना है
बिहार को चमकाना है
#LetsOpenBihar
#BiharElection2020
-