Aakash Chaurasiya   (लफ्ज़-ए-आकाश)
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Joined 24 January 2020


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Joined 24 January 2020
12 MAR 2024 AT 22:01

सबकी अपनी अपनी दलीलें हैं साहब,
किसी को मुअस्सर नहीं हैं घर की चारदीवारी
और किसी के लिए बोझ हैं घर की छतें.......

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24 AUG 2023 AT 2:16

जान सुनो ना.....
आखरी सफ़र हो आप मेरा......
आपके बाद मेरी कोई मंज़िल नहीं

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26 JUN 2023 AT 13:26

मेरा सन्नाटा गवाह है......
के मैने पुकारा बहुत था ......

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20 JUN 2023 AT 22:25

फिर.....
फिर क्या उस रात हम दोनों ने दो_दो कश लगाए एक मैं और दूसरी मुझसे हो कर गुजरने वाली हवाएं ....

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6 JUN 2022 AT 18:13

इन अँधेरी रातों मे मेरे हिचकियो का सबब ना पुछ अए काफ़िर.....
लगता है किसी फ़रामोश को मेरी जरुरत आन पड़ी है...

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29 MAY 2022 AT 8:25

कुछ भी हो...
सब जरुरत के हिसाब चलते हैं ,
कुछ जरुरत के हिसाब से बोलते हैं,
कुछ जरुरत के हिसाब से सुनते हैं.

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20 MAR 2022 AT 20:26

काश.... आज रात कुछ यु कमाल हो जाए...
मैं सो जाऊ कुछ ऐसे के मेरा इन्तेकाल हो जाए।
वो जगाए मुझे कुछ इस कदर उसके पलकें ना भीगे,
प्यार मेरा जहाँ के लिये मिसाल जो जाए ।।

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6 JAN 2022 AT 21:19

अच्छा सुनो.....
इश्क़ नहीं तुम्हे हमसे तो ना सही ,
पर कभी हो किसी कि आरज़ू तो बताना,
हम सिखायेन्गे तुम्हे के किसी पर बिखरते कैसे हैं.....

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30 DEC 2021 AT 8:28

लिबास से तय मत करो तुम मेरी हैसियत,
अभी कफ़न ओढ़ लूँ तो कंधे पर उठाए फ़िरोगे ....

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23 DEC 2021 AT 21:06

ओय सुन......
इस जंग ए इश्क़ में तेरा झुमका किसी ब्रह्मास्त्र से कम नहीं.....

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