Aakarsh sharma   (आकर्ष)
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Photography
Writing poetry
Insta Handle- aakarsh_7052
Joined 14 February 2023


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8 JUL 2024 AT 15:53

अटूट दोस्ती.....
पकड़े थे हाथ, क्योंकि दोस्ती अटूट थी
सालो का साथ, क्योंकि दोस्ती अटूट थी,
सत्य को नकार दिया, क्योंकि दोस्ती अटूट थी
अंतिम घड़ी में घड़ी ही टूट गई
हाथ की पकड़ अपने आप ही छुट गई ,

दोस्ती न तोड़ेंगे, दोस्ती न छोड़ेंगे
दोस्ती के लिए हर किसी से लड़ेंगे,
एक दूसरे की सुरक्षा, दोस्ती का नियम था
विश्वास ना टूटे, इसलिए दोस्ती एक कसम था,
झूठे कसमों का पहाड़ टूट रहा है
इसलिए अब सबका हाथ छुट रहा है,

अब छुट गया हाथ, तो आसू चुरा रहे हो
बीती हुई कहानी, बया भी नही कर पा रहे हो,
जो आया हैं वो जायेगा ,तुम्हे समझ क्यों नहीं आ रहा है,
नजर छुपा के बताया जा रहा है
मिलेंगे दुबारा बोलके फुसलाया जा रहा है,

यादों के पन्नो में  सिमट गई दोस्ती,
बुक हो गया टिकट
आ गई ट्रेन
आंखे चुरा के चल दिए अपनी बस्ती,

विदाई के बाद, दोस्त कभी ट्रेन के पीछे नहीं भागा है,
क्योंकि सच्चाई तो यही है की
सब मोह माया है।

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8 MAR 2024 AT 12:40

एक नारी
बेटी बन सकती है, बहन बन सकती है
मां बन सकती है,मौसी बन सकती है
सास बन सकती है,ननद बन सकती है

शून्य से शिखर की साथी बन सकती है
कमजोर वक्त की मजबूती बन सकती है
इससे ही परिवार की इज्जत बन सकती है
हर रिश्तों का फर्ज आसानी से निभा सकती है

तुम्हारे मनपसंद खाने का जुगाड़ इसी ने किया है
आज सबकुछ सही है तो पूछते हो तुमने क्या ही किया है
याद रहे, नारी ने काली रूप भी धारण किया है।

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1 JAN 2024 AT 0:05

लो आ गया नया साल
लेकिन मैं आज भी वही हूं ,

दिन बदली ,दिशा बदली
बदली ग्रहों की चाल ,
ग्रहों से ज्यादा बदतर है
अपनो की हाल ,
ग्रहों की दशा बता रही है
मैं सही नही हूं,
लेकिन मैं आज भी वही हूं ,

सालो का सिलसिला है
जो बीत गया है
वो नही मिला है ,
बीते हुए लम्हों का ही तो
शिकवा और गिला है ,
सालों के हिसाब से, सही नही हूं
लेकिन मैं आज भी वही हूं ,

साल बढ़ गया, उम्र बढ़ गया
बढ़ गयी घर की जिम्मेदारी,
झूठ की हसी हंस रहा हूं
इसलिए खड़ी है दुनिया सारी,
बेहतरीन जीवन की जंग लड़ रहा हूं
इसलिए थोड़ा कड़वा लग रहा हूं,
दुनिया के हिसाब से , सही नही हूं
लेकिन मैं आज भी वही हूं ।

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24 JUL 2023 AT 10:33

नयी शुरुआत.......

कुछ नया है लेकिन खास है
तू दूर है लेकिन पास है,
कुछ ही ना सही लेकिन
कुछ की तो आस है,

शुरू से की शुरुआत है
आँखे बंद करूं तो दूर
खोलूं तो तू मेरे पास है,
अभी कूछ ही दिनो की तो बात है
कुछ नया है लेकिन खास है,

अब दूर जाओ या पास
डरने की क्या बात है,
दूर जाओगे तो दिमाग मे रहेंगे
पास रहोगे तो दिल मे रहेंगे,
अब इसमे बताने की क्या बात है?

मुझे प्यार हुआ है इसमे नया क्या है
लेकिन तुमसे हुआ यही तो खास बात है,

साॅस हो तुम,एहसास हो तुम
विश्वास ना करना ये सब फिल्मी बात है,
कसमे वादे सिर्फ तसल्ली की बात है
हकीकत हो तुम,यही तो खास बात है,

कुछ नया है लेकिन खास है
अब कुछ दूर नही सब पास है।


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13 MAY 2023 AT 14:02

एक दिन के प्यार से अगर "माँ" खुश होती तो,
तो शायद सारे वृद्धाश्रम कबका बन्द हो गये होते ।

"HAPPY MOTHER'S DAY"

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16 FEB 2023 AT 23:18

सफर का साथी........

तन्हा सफर था अंधेरी सी रात थी
अंधेरी सी रातो मे कुछ तो बात थी,
बैंठा था साथी,वो भी अंजान था
सफर था लंबा,नैनो पर ध्यान था,
मिलते ही नैना,नैन हुए चार
लगने लगा था सफर नही है बेकार,
बात आगे बढ़ी तो,होठो पे मुस्कान थी
मै भी अंजान था,वो भी अंजान थी,
हांथो मे हाथ लेकर सौदा हुआ
ना छोड़ेंगे साथ ये वादा हुआ,
मंजिल आने लगी,हांथ छूटने लगा
होठो का पानी सूखने लगा,
किया हुआ वादा टूटने लगा
नम आँखो को हाथो से पोछने लगा,
हो गया सबेरा ,ख्वाबो की बात थी
अंधेरी सी रात मे कुछ तो बात थी।

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16 FEB 2023 AT 11:00

जिन्दगी के सफर मे
चलता रहा बेफिकर
कुछ दूर चलता रहा
फिर समझ ना आया
इधर जाऊ की ऊधर
मैने देखा उस जालिम कि परछाई मोड पर
फिर दिखायी मैंने समझदारी
और वापस आ गया घर
लेकिन अब भी हूं मै बेफिकर

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15 FEB 2023 AT 23:06

Na uljhao hame bewajh ki bato me
Abhi tumara didar baki hai
Ab hata bhi do Ghughat apne mukh se
Ab hmse na suna jayega ki ,
Abi aur intejar baki hai

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15 FEB 2023 AT 17:18

जैसे जादूगर के हाथ की सफाई
पलक झपकते ही गायब

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15 FEB 2023 AT 16:52

Bina smjhe hua pyaar
Bina smjhe hua ikrar
Bina smjhe ye dil khata gaya mel
Aur fir chal di dono ki pyaar ki Rail
Kuch dur chalke tut gayi patri
Duniya se bachne ke liye khol di chatri
Chatri me nikla hole
Khul gaya poora pol
Lekin fir phir bhi na choda hath
Deta rha pyari ka jewan bhar sath
Ab hai hmare pyare do bacche
Ek kaam sacche ek ka naam mucche


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