24 OCT 2017 AT 20:52

बहुत ढूंढा खुद को लेकिन तसल्ली न मिली.....
कदम जहाँ पे रुकी,,खुद को परिंदा समझ बैठी....

- A͢♥⃝✬ AKshu✮͜͡❥͜͜͡͡✍