बहुत ढूंढा खुद को लेकिन तसल्ली न मिली.....कदम जहाँ पे रुकी,,खुद को परिंदा समझ बैठी.... - A͢♥⃝✬ AKshu✮͜͡❥͜͜͡͡✍
बहुत ढूंढा खुद को लेकिन तसल्ली न मिली.....कदम जहाँ पे रुकी,,खुद को परिंदा समझ बैठी....
- A͢♥⃝✬ AKshu✮͜͡❥͜͜͡͡✍