I wish to paint you.
I'm afraid world would notice;
buzz about you and me.
I wish for solitude, solace
for us even when it's
you and me and not us.
So I poured the color red
for I have turned into same
since then and forever.
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Don't FOLLOW to UNFOLLOW.
I am here to write. Let me enjoy the essen... read more
What is love?
Is it really hard to define?
Honestly, sometimes
just your presence feels like love.
Your objection to my I'm fine;
and a determined you are not,
tell me what happened ; is it
not enough to be called love?
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फूल सी नहीं बनना चाहती मैं
कि तोड़ने के लिए हर कोई हाथ बढ़ाए
और फिर डर की दहसत में जीते जीते
मैं स्वयं ही मुरझा कर बिखर जाऊँ-
दर्पण से बेहतर हमें
कहाँ कोई पहचानता है
पर्दे के पीछे क्या है
वो बेहतर जानता है
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I read our old chats again and again.
I read your comments on my picture.
I scroll just one album in my gallery.
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कोई रहस्य, कोई राज़
जैसे सन्नाटे में एक आहट
पीछे से झांकता कुछ
और पर्दा बना मुस्कुराहट-
कोरे काग़ज़ सी है ज़िन्दगी
वक्त की स्याही में लिपट कर
वो बितती जाती है-
हे गोविंद !
प्रेम का हर रूप
बता कर गए तुम
राधा, रुक्मिणी, मीरा जैसे
मिसाले छोड़ गए तुम
अधूरा नहीं होता है प्रेम कभी
अगर हृदय में समर्पण पूरा हो
दो लोग अगर एकसाथ हो जाते हैं
तो पास होने की जरूरत नहीं होती
हाँ! विरह हर प्रेम में होता है
मिलन की अभिलाषा, विछोह, प्रतीक्षा
रुक्मिणी सा प्रेम सौभाग्य है
राधा का जैसे निराकार है
मीरा का जलता चिराग है
संपूर्ण होना भी तुमने क्या खूब सिखाया है
इच्छाओ का नहीं प्रेम त्याग की एक काया है
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गुजर जाने को बेरकरार है वक्त
तेरे बिना ठहरने की कोई वजह भी तो नहीं-