Aakanksha Sahu   (आकांक्षा साहू)
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Joined 2 August 2019


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9 JUN 2023 AT 19:27

में उन्हें आसमान सी मिली,
वो मुठ्ठी भर भी ना समेट पाए मुझे
मेने अपना सब कुछ उन्हें दे दिया,
वो ठीक से अपना भी ना पाए मुझे

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13 OCT 2022 AT 1:18

चाँद को देख कर चाँद को देखना
यूं ही नही अमर है कसम प्यार की
चाँद को चाँद से मांग कर चाँद ने
निभायी है एक रश्म प्यार की



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15 SEP 2022 AT 21:14

अंधियारे में एक दीपक जलाया था मैंने
एक रिश्ता ऐसा भी निभाया था मैंने
वो भी नहीं जानता था खुद को इतना
जितना खुदसे उसको मिलाया था मैंने

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5 AUG 2022 AT 21:21

"सिर्फ तुम "

"Full story'on caption"
(Must read )

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31 JUL 2022 AT 15:08

राहों में शोर सुनाई देता है,
अब कुछ नया दिखाई देता है

बातो की पगडंडियों में,
एक किस्सा अनकहा सुनाई देता है

सबकी अपनी बाते है,
खुद से ही मुलाकाते है

किसी का कोई अपना,
कहां दिखाई देता है?

मतलब कि इस दुनियां में,
उदासी का शोर कहां सुनाई देता है?

जिसमें स्वार्थ सिद्धि हो,
वही मोहोल्ला आबाद दिखाई देता है

करता ही नही कोई अपनेपन की बाते,
अपनेपन का सूरज अस्त दिखाई देता है

राहों में शोर सुनाई देता है
अब कुछ नया दिखाई देता है

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29 JUL 2022 AT 19:05

इतना तो सजग होना था आपको
सत्य से अनभिज्ञ ना होना था आपको
कोई फूल खिल रहा था धीरे–धीरे,
यूं सावन होके पतझड़ ना होना था आपको

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26 JUL 2022 AT 10:34

वतन की चूनर कुछ यूं धानी हो जाए
जीवन एक कारगिल कि कहानी हो जाए
दिन बीते सरहद पर पहरा देते हुए
रात ऐसी हो वतन के नाम जवानी हो जाए

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12 JUL 2022 AT 22:21

याद आ रहे हो तुम
दूर जा रही हूं मैं

अपने किरदार को
खुद ही दफना रही हुं मै

कमाल का आलम है ये
जो टूट कर भी मुस्कुरा रही हुं मै

और यूं ही नही हिम्मत जुटाई है मैने
तुम खुद के करीब रहो इसीलिए दूर जा रही हुं मै

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12 JUL 2022 AT 18:16

बुनियाद हो मकान की, तो छुपना पड़ेगा तुझे
ईंटो दरों दीवारों को, ऊपर रखना पड़ेगा तुझे

फूलों कि खुशबू, भवरो के हवाले
उसी तरह हर घड़ी, बटना पड़ेगा तुझे

इस मतलबी दुनिया में,तू गुमनाम ही रहना
ज्यादा नजदीकियों से, इस्तेमाल होना पड़ेगा तुझे

शक्श कि फितरत,तेरी पनाहों से है
गर झुकी तू ,तो हमेशा झुकना पड़ेगा तुझे

तेरी एहमियत ही क्या, ए दिल–ए–नादां
सर्द हवाएं जो उनको छुए, तो जलना पड़ेगा तुझे

और अपनी "आकांक्षा "को ,दिल में ही रखना
ना जाने कब तक दिल में, ही रुकना पड़ेगा तुझे

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16 JUN 2022 AT 8:54

जिंदगी की रंजिशे कम नही होती
दिल की ख्वाहिशें खतम नही होती
चल रही है सांसे यही सोच कर,
कोशिशें कभी नाकाम नही होती

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