तमाम अपवाहों में मेरी नाकामियां ही तो है,कामयाब हूं कितना तुम मेरी माँ से पूछना..! -
तमाम अपवाहों में मेरी नाकामियां ही तो है,कामयाब हूं कितना तुम मेरी माँ से पूछना..!
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कोई उदास तक नहीं हो पाया हमसे आज तक इस के दौर-ए-जमाने में,दुःख तो सिर्फ इस बात का है कि उसे इसी बात का क्यों मलाल रहा। -
कोई उदास तक नहीं हो पाया हमसे आज तक इस के दौर-ए-जमाने में,दुःख तो सिर्फ इस बात का है कि उसे इसी बात का क्यों मलाल रहा।
मैं मुसाफ़िर हूं साफ दिल का इस दौर-ए-ज़माने में,खामखां तुच्छ लोग खेल जाते है अक्ल-ए-पैमानों में। -
मैं मुसाफ़िर हूं साफ दिल का इस दौर-ए-ज़माने में,खामखां तुच्छ लोग खेल जाते है अक्ल-ए-पैमानों में।
मेरी बहना हमारे खातिर हर बार उपवास रखती है,दिलो पे सबके हुकुम और हमारे गद्दी पे राज़ करती है। -
मेरी बहना हमारे खातिर हर बार उपवास रखती है,दिलो पे सबके हुकुम और हमारे गद्दी पे राज़ करती है।
मैं वो शख्स नहीं हूं जो सीधा शीशे की तरह तोड़ दूं,हिसाब लगा लो मैं तोड़ता सूखी पत्तियों की तरह हूं। -
मैं वो शख्स नहीं हूं जो सीधा शीशे की तरह तोड़ दूं,हिसाब लगा लो मैं तोड़ता सूखी पत्तियों की तरह हूं।
स्त्री वो नहीं है जो कहे कि मेरे नखरे उठाओ,स्त्री वो है जो कहे मै तुम्हें अथाह प्रेम करूंगी। -
स्त्री वो नहीं है जो कहे कि मेरे नखरे उठाओ,स्त्री वो है जो कहे मै तुम्हें अथाह प्रेम करूंगी।
दोस्त है कुछ जो बिछड़ गए लोगों की विरासत में,हम एक ही है ऐसे जो कमब्खत उनकी राह देखते है। -
दोस्त है कुछ जो बिछड़ गए लोगों की विरासत में,हम एक ही है ऐसे जो कमब्खत उनकी राह देखते है।
अगर मर भी जाऊं मैं तो इस दुनिया वालो से कह देना, कि हिन्दुस्तान की मिट्टी में जन्मा एक बेटा मेरा पाकिस्तान भी है। -
अगर मर भी जाऊं मैं तो इस दुनिया वालो से कह देना, कि हिन्दुस्तान की मिट्टी में जन्मा एक बेटा मेरा पाकिस्तान भी है।
कश्मकश! यहाँ शक्स भी टूटता है,न जाने कहाँ मरहम दस्तक दे रही। -
कश्मकश! यहाँ शक्स भी टूटता है,न जाने कहाँ मरहम दस्तक दे रही।
राम की नगरी से भड़वो का है पारा घमासान सा,भाग जाओ कायरों यहां भी है भगवा रंग शान सा। -
राम की नगरी से भड़वो का है पारा घमासान सा,भाग जाओ कायरों यहां भी है भगवा रंग शान सा।