" पूजहि विप्र सकल गुण हीना । शुद्र न पूजहु वेद प्रवीणा " -----"गोस्वामी तुलसीदास" - aaka
" पूजहि विप्र सकल गुण हीना । शुद्र न पूजहु वेद प्रवीणा " -----"गोस्वामी तुलसीदास"
- aaka