सिंचा गया हूं अदब के सलीके सेमैं हर आवाज़ को राज़ रखता हूं ... -
सिंचा गया हूं अदब के सलीके सेमैं हर आवाज़ को राज़ रखता हूं ...
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मेरे वजूद को अब तलक महज़ एक तिनका बताती है ..ऐ जिंदगी, तेरे कल की फ़िक्र मेरे आज को बहोत सताती है... -
मेरे वजूद को अब तलक महज़ एक तिनका बताती है ..ऐ जिंदगी, तेरे कल की फ़िक्र मेरे आज को बहोत सताती है...
झुक जाऊंगा सजदे में तेरे यूहीं मैपर डर है, कही तू ख़ुदा हो गया तो.... -
झुक जाऊंगा सजदे में तेरे यूहीं मैपर डर है, कही तू ख़ुदा हो गया तो....
मन के अंधेरो में चिराग़ जलने तो दोआंखों में मेरी सपनों को पलने तो दो..गिरने के डर से ही बैठा हूं कब से उड़ान जूनून से अब थोड़ी भरने तो दो..नाकामयाबी ही नही इन लकीरों मेंमुझे कोशिशे तमाम करने तो दो..दिलकश सुकून के पल नसीब होंगेबस गम-ए-शाम ये ढलने तो दो..छोटे बड़े औेदे सारे पा लूंगाकिमत ख़ुद की पता चलने तो दो..शखसियत अपनी होनहार लिख दूंगाकमियां मुझे मेरी खलने तो दो.... सुना है बहोत मुश्किलें है राह मेंइक इक करके सबसे मिलने तो दो.. -
मन के अंधेरो में चिराग़ जलने तो दोआंखों में मेरी सपनों को पलने तो दो..गिरने के डर से ही बैठा हूं कब से उड़ान जूनून से अब थोड़ी भरने तो दो..नाकामयाबी ही नही इन लकीरों मेंमुझे कोशिशे तमाम करने तो दो..दिलकश सुकून के पल नसीब होंगेबस गम-ए-शाम ये ढलने तो दो..छोटे बड़े औेदे सारे पा लूंगाकिमत ख़ुद की पता चलने तो दो..शखसियत अपनी होनहार लिख दूंगाकमियां मुझे मेरी खलने तो दो.... सुना है बहोत मुश्किलें है राह मेंइक इक करके सबसे मिलने तो दो..
तलब लग रही है अब तेरीरूबरु होकर तुझसेतुझी में खोना चाहता हूं... -
तलब लग रही है अब तेरीरूबरु होकर तुझसेतुझी में खोना चाहता हूं...
तुझसे जुड़े आशियाने सारे मेरे पर,कभी नज़र में तेरे था ना मेरा घर..यकीं था मुकम्मल ना होगा तू ,फिर भी ढूंढ़ता रहा तुझे दर दर..तक़दीरे भी कही बयां ना थी जो,मिटती पल में, ठहरती पल भर..दिन भी आता नही वो जहां ख़त्म हो,बरसो से चलता आ रहा सफ़र.. मिन्नतो से भी हासिल न हो पाया तू,अब मिल एक घडी को तेरी रज़ा हो गर.. -
तुझसे जुड़े आशियाने सारे मेरे पर,कभी नज़र में तेरे था ना मेरा घर..यकीं था मुकम्मल ना होगा तू ,फिर भी ढूंढ़ता रहा तुझे दर दर..तक़दीरे भी कही बयां ना थी जो,मिटती पल में, ठहरती पल भर..दिन भी आता नही वो जहां ख़त्म हो,बरसो से चलता आ रहा सफ़र.. मिन्नतो से भी हासिल न हो पाया तू,अब मिल एक घडी को तेरी रज़ा हो गर..
हर उस पल में सदियां बिती है मेरी जब जब तुझे देखा है मैने.... -
हर उस पल में सदियां बिती है मेरी जब जब तुझे देखा है मैने....
रिश्ते कुछ पक्के से है इस मिट्टी से मेरे,जब भी इसे छूता हूं ये दिलकश सुकून देती हैं... -
रिश्ते कुछ पक्के से है इस मिट्टी से मेरे,जब भी इसे छूता हूं ये दिलकश सुकून देती हैं...
रूह को कैसे ख़ुश रंग कह दूं कुछ ज़ख्म दिल में मेरे भी है..वो जो टूटे है कांच की तरह कुछ ख़्वाब उनमें मेरे भी है..चांद अकेला ही नहीं जहां में कुछ दाग़ दामन में मेरे भी है..ग़म देने वाले सारे गैर नहीं कुछ शामिल उनमें मेरे भी है..जवाब ही कितनो को दूं मैं कुछ सवाल यहां मेरे भी है.... -
रूह को कैसे ख़ुश रंग कह दूं कुछ ज़ख्म दिल में मेरे भी है..वो जो टूटे है कांच की तरह कुछ ख़्वाब उनमें मेरे भी है..चांद अकेला ही नहीं जहां में कुछ दाग़ दामन में मेरे भी है..ग़म देने वाले सारे गैर नहीं कुछ शामिल उनमें मेरे भी है..जवाब ही कितनो को दूं मैं कुछ सवाल यहां मेरे भी है....
पाबन्दी थी इश्क़ पर... निभाना था यारीजाने किसकी फतेह हुई,ना इश्क़ मुक्कमल हुआ... ना यारी -
पाबन्दी थी इश्क़ पर... निभाना था यारीजाने किसकी फतेह हुई,ना इश्क़ मुक्कमल हुआ... ना यारी