आख़िर को रूह तोड़ ही देगी हिसार-ए-जिस्म,
कब तक असीर, ख़ुशबू रहेगी गुलाब में।
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Aahil Luckky
(@Luckyaahil)
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Zindagi kya hai......
अगर मै पूछूं के स्कूल क्या है तो ज़ाहिर है सभी लोग जवाब देंगे के स्कूल... read more
अगर मै पूछूं के स्कूल क्या है तो ज़ाहिर है सभी लोग जवाब देंगे के स्कूल... read more
Joined 18 April 2020
6 OCT 2020 AT 21:46
4 OCT 2020 AT 0:26
उदासियों कि वजह तो बहुत हैं जिंदगी में,
बेवजह खुश रहने का मजा ही कुछ और है।
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3 OCT 2020 AT 20:44
रात को जीत तो पाता नहीं लेकिन ये चराग़
कम से कम रात का नुक़सान बहुत करता है।
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28 SEP 2020 AT 21:10
जिन से इंसाँ को पहुँचती है हमेशा तकलीफ़
उन का दावा है कि वो अस्ल ख़ुदा वाले हैं।
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26 SEP 2020 AT 16:51
तिरा निज़ाम है सिल दे ज़बान-ए-शायर को
ये एहतियात ज़रूरी है इस बहर के लिए।
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20 SEP 2020 AT 12:57
सब परिंदों से प्यार लूँगा मैं
पेड़ का रूप धार लूँगा मैं
तू निशाने पे आ भी जाए अगर
कौन सा तीर मार लूँगा मैं।
Hafi...-
17 SEP 2020 AT 16:41
त्याग दी सब ख्वाहिशें.. निष्काम बनने के लिए.....
'राम' ने खोया बहुत कुछ.. 'श्री राम' बनने के लिए..-
16 SEP 2020 AT 13:44
इस जहाँ में नहीं कोई अहल-ए-वफ़ा
ऐ 'फ़ना' इस जहाँ से किनारा करो।।।।
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