Aahil Luckky   (@Luckyaahil)
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Joined 18 April 2020


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Joined 18 April 2020
6 OCT 2020 AT 21:46

आख़िर को रूह तोड़ ही देगी हिसार-ए-जिस्म,
कब तक असीर, ख़ुशबू रहेगी गुलाब में।







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5 OCT 2020 AT 11:24

मैं अपने साथ रहता हूँ हमेशा
अकेला हूँ मगर तन्हा नहीं हूँ।







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4 OCT 2020 AT 0:26

उदासियों कि वजह तो बहुत हैं जिंदगी में,
बेवजह खुश रहने का मजा ही कुछ और है।

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3 OCT 2020 AT 20:44

रात को जीत तो पाता नहीं लेकिन ये चराग़
कम से कम रात का नुक़सान बहुत करता है।





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28 SEP 2020 AT 21:10

जिन से इंसाँ को पहुँचती है हमेशा तकलीफ़
उन का दावा है कि वो अस्ल ख़ुदा वाले हैं।






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26 SEP 2020 AT 16:51

तिरा निज़ाम है सिल दे ज़बान-ए-शायर को
ये एहतियात ज़रूरी है इस बहर के लिए।









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26 SEP 2020 AT 9:45

मिरे वास्ते जाने क्या लाएगी
गई है हवा इक खंडर की तरफ़।


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20 SEP 2020 AT 12:57

सब परिंदों से प्यार लूँगा मैं
पेड़ का रूप धार लूँगा मैं
तू निशाने पे आ भी जाए अगर
कौन सा तीर मार लूँगा मैं।
Hafi...

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17 SEP 2020 AT 16:41

त्याग दी सब ख्वाहिशें.. निष्काम बनने के लिए.....
'राम' ने खोया बहुत कुछ.. 'श्री राम' बनने के लिए..

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16 SEP 2020 AT 13:44

इस जहाँ में नहीं कोई अहल-ए-वफ़ा
ऐ 'फ़ना' इस जहाँ से किनारा करो।।।।

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