किसी की खुशियों में दख़ल देना ज़रूरी हैं क्या ?
मुझें मरना हैं , मेरा जीना ज़रूरी हैं क्या ?
अरे लोग तो आय्याशियाँ करकें भी बदनाम न हुए ,
मैं ख़ूबसूरत हु तो , मेरी बदनामी ज़रूरी हैं क्या ?
न जाने कौन सी लत लगीं है ,
अरे न जाने कौन सी लत लगी है इंसानों को ,
लोगों का लोगों से ही जलना , जरूरी हैं क्या ?
और वो कहते हैं , जल के ख़ाक हो जाऊं तेरे प्यार में ,
ये बताओ , प्यार साबित करने का ये तरीका ज़रूरी हैं क्या ?
चलना , गिरना , उठना फिर चलना , दस्तूर हैं ज़िन्दगी का ,
मैं गिरे बिना मंज़िल पर पहुँच जाउ , जरूरी हैं क्या ?
औऱ कुछ रिश्तों की कड़वाहट गहरी होतीं जा रहीं हैं ,
बस नाम के लिए उस रिश्ता को जीना , जरूरी हैं क्या ?
औऱ मौत किसी की मोहताज़ नहीं होती हैं ज़नाब ,
तुम चाहो, तुम्हें मौत आ जाएं , जरूरी हैं क्या ?
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