मेरा इश्क़ मेरा सुकून हो तुम
मेरी ज़िन्दगी का नूर हो तुम
-
मज़रत करता हूँ तुझसे मैं
गफलत में सफकत कर बैठा मैं
तेरे तल्ख लहजे ने
तवाक्को ही खत्म कर दिया मेरा
मुकदस सा मोहब्बत था मेरा-
काश कश्फ़-उल-क़ुलूब हमें भी आता
फ़रेब-ए-ख़याल में वक्त ना गुजरता
तेरा तस्ख़ीर-ए-क़ुलूब का अंदाज
बड़ा निराला था
तेरे साथ बसर किया गया वक्त को
नूर-ए-क़ल्ब समहजता था
पर तू तो फ़रेब-ए-'इश्क़ निकला-
हैरत जदा हूं अपनों के रवैयो से
वाबस्ता नहीं रखना मुझे
इन खोखले रिश्तो से
एहतेराम लिहाज क्यों करूं मैं
जिन्होंने दर्द दिया मुझे-
Alfaazon ke teer jo tm chalte ho
Dil chalni ho jata hai ye tm kaha jante ho
-
इंतजार खत्म हुआ तेरी
वापसी का समय हुआ
शब ए शहर तेरा राह तकती थी
तेरे यादों के सहारा जीती थी
आंखे नम रहती थी
किसी को कुछ नहीं कहती थी
हर वक्त गुमसुम रहती थी
आज तेरी वापसी की खुशी मेरे चेहरे पर
झलक रही
हर कोई मेरी खुशी की वजह पूछ रहे है
-
गम-ए-हिज़्र का जिक्र क्या करूं
दिल-ए-निहाद ने दर्द ही कुछ ऐसा दिया-
मां
जिसके पैरों तले है जन्नत
जिसकी आंखों में है शफकत ,
जो करती हम से बेशुमार मोहब्बत
जिनके होने से है घर में रौनक,
जिनकी आंचल में है हिफाजत
जो है खुदा की रहमत ,
जिनके हाथों में है बरकत
जिनकी इज्जत में है इज्जत,
बिन कहे जो दिल का हाल जान जाए
मुसीबत में पहला नाम मां आए,
जिनके होने से रंजो गम दूर हो जाए
जिनके एहसास भर से घर चहक जाए,
जो हमारे गम अपने दामन में ले
अपने हिस्से की खुशियां हमें दे दे,
जिनकी दुआओं से हमारी मुकद्दर बन जाए
जो हमारे लिए हर गम सह जाए ,
जिसकी मोहब्बत का कोई मोल नहीं
मां से बढ़कर कोई नहीं-
Hairaan hun Tere rawayon se,
Lab-basta zaroor hun pr
waqif hun tere hr irade se
Lahja jo badla tera to tagaful
Kr diya tujhe.
Ab wabasta nhi rakhna mujhe-