रात बाकी है मगर सरे शाम ही हम,
सारे जुगनू दामन में समेटे हुए,
रख के दीवार पे सर अपना,
बेख्याली में दीवार को देखा किए हैं !!-
Aafreen Fatma
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Ek khwaab Aafreen sa....❤
तार्रुफ क्या है मेरा ये बात बड़ी मुख्तसर सी है
मंज़िलों से बच कर च... read more
तार्रुफ क्या है मेरा ये बात बड़ी मुख्तसर सी है
मंज़िलों से बच कर च... read more
Joined 2 November 2019
27 NOV 2024 AT 3:53
3 OCT 2022 AT 20:50
वो एक जंगलों की वासी,
दरख़्त के साथ पली हुई,
पत्तियों के हुज़ूम में उछलती,
हवाओं से धुन मिलाती,
शाम परिंदों के साथ आती
वो अब...
पत्थरों में नर्मी,
रेत में पानी,
रौशनी में तारे,
ख्वाबों के प्यारे,
चांद का हर सिम्त
तलाश करती है...
अजब ख्वाहिशें रखती है !!-
1 OCT 2022 AT 9:40
You know what is the most unpredictable thing in life...?
" Life "-
28 SEP 2022 AT 21:22
आसमां से लाए हैं हम मिट्टी के कुछ ढेले,
ज़मीं के बादलों पे अब पौधे लगाने हैं !!-
17 FEB 2021 AT 11:53
कुछ भी खबर नहीं किस जहां में हूं,
इसी ज़मीं पे हूं या उस आसमां पे हूं !!-
9 FEB 2021 AT 18:34
सदियों के वो वादे, लम्हों में मिट गए,
किस्मतों का फ़ैसला मंज़ूर हो गया !!-