Aadrash kumar Aman  
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Joined 7 August 2019


Joined 7 August 2019
12 SEP AT 20:59

न हो रही पात्रता परीक्षा
न ही आ रही बहाली हैं!
नेताजी ट्वीट ट्वीट खेल रहे
जनता बजा रही बस ताली हैं!!

अफसरशाही हैं चरम सीमा पर
या मंत्रीजी का ही खेला है!
डेढ़ महीने से रोस्टर क्लियरेंस का,
चल रहा बस झमेला हैं!!

कभी कहते लाखों हैं सीट
तो कभी हजारों की करते बात हो!
सच बताना मंत्री जी
IPS थे ? या नेता का ही जात हो!!

देना नही है जो भर्ती अगर
साफ साफ कह जाओ तुम!
चुल्लू भर गर कम लग रहा
गंगा में बह जाओ तुम!!
©आदर्श कुमार अमन

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16 JUL AT 23:30

माना बहुत सताया है तुझे
कभी-कभी रुलाया है तुझे.….
घूंट कर तो मैंने भी गुजारे है कई पल
क्या किसी ने बताया है तुझे ?
©आदर्श कुमार अमन

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4 SEP 2024 AT 0:53

घूटन हैं जो खुद के अंदर
उन्हें शब्दों में अब पिरोया हैं
लिख रहा हूं वो गम सारे
ताउम्र जिसे ढोया हैं।।

उड़ चुकी हैं नींद मेरी
वो बड़े चैन से सोया है
गवाही बिस्तर देगी हक में मेरे
अश्कों ने जिसे सारी रात भिंगोया हैं।।

शिकायतें नही किसी से
न सपने अब संजोया हैं
फसलें वो ही काट रहा
मैंने खुद जिसे बोया हैं।।

©आदर्श कुमार अमन






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17 JUN 2024 AT 12:30

खुद से नजरें चुराता हूँ
बस एक सवाल से घबराता हूँ ।
"सेलेक्शन कब होगा मेरा"
जवाब ढूंढ नही पाता हूँ ।।

दुसरो से नजरें क्या मिलाऊ
आईने से जब चेहरा छिपाता हूँ ।
छूट गए हैं यार, दोस्त
एक कमरें में अब समय बिताता हूँ।।

किस्मत को दोष दूं या कोसू खुद को
कल की सोच, आज गवाता हूँ ।
"सेलेक्शन कब होगा मेरा"
जवाब ढूंढ नही पाता हूँ ।।

©आदर्श कुमार अमन

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25 AUG 2023 AT 22:47

ये बारिश का मौसम, नौकरी का ख्याल
पापा की उम्मीदें , हजारों सवाल
लवों पे खामोशी, मन मे बबाल
क्यों पूछतें हो यारों बेरोजगारों का हाल।।
©आदर्श कुमार अमन

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28 SEP 2022 AT 21:56


चेहरा लगे मुरझाया सा
दिखे जैसे सताया सा...
जिंदगी लगती हो जिसे बेकार
वही तो है साहेब, बेरोजगार😑
©आदर्श कुमार अमन

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11 MAY 2022 AT 10:52

चलो माना गया 'कोरोना',
पर छाई अब नई महामारी है।
सारे युवा संक्रमित इससे
कहलाता जो 'बेरोजगारी' हैं।।
©आदर्श कुमार अमन

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6 MAY 2022 AT 12:56

बाते दिल की दिल मे ही रह गयी
लब शांत रहा, खामोशी सारी बातें कह गयी।
दबा रखे थे जो कुछ, जख्म सीने में छुपा के
जाने क्यों कल रात, वो आंखों से बह गई।।
©आदर्श कुमार अमन

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30 APR 2022 AT 0:20

रातें हो चली है नींद का कोई पता नही,
दूरियां भी बढ़ गई, है जबकि कोई खता नही।।
©आदर्श कुमार अमन

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12 MAR 2022 AT 14:07

अनपढ़ ही क्यों न हो,
लड़कियां कभी जाहिल नही होती...
अपने अदाओ से मारती है
पर वो कातिल नही होती।
और मोहब्बत में सब कुछ
त्याग देते हैं ये मासूम लड़के..
जबकि लड़कियां बेइंतहा
इस मोहब्बत के काबिल नही होती।।
©आदर्श कुमार अमन

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