घूटन हैं जो खुद के अंदर
उन्हें शब्दों में अब पिरोया हैं
लिख रहा हूं वो गम सारे
ताउम्र जिसे ढोया हैं।।
उड़ चुकी हैं नींद मेरी
वो बड़े चैन से सोया है
गवाही बिस्तर देगी हक में मेरे
अश्कों ने जिसे सारी रात भिंगोया हैं।।
शिकायतें नही किसी से
न सपने अब संजोया हैं
फसलें वो ही काट रहा
मैंने खुद जिसे बोया हैं।।
©आदर्श कुमार अमन
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खुद से नजरें चुराता हूँ
बस एक सवाल से घबराता हूँ ।
"सेलेक्शन कब होगा मेरा"
जवाब ढूंढ नही पाता हूँ ।।
दुसरो से नजरें क्या मिलाऊ
आईने से जब चेहरा छिपाता हूँ ।
छूट गए हैं यार, दोस्त
एक कमरें में अब समय बिताता हूँ।।
किस्मत को दोष दूं या कोसू खुद को
कल की सोच, आज गवाता हूँ ।
"सेलेक्शन कब होगा मेरा"
जवाब ढूंढ नही पाता हूँ ।।
©आदर्श कुमार अमन-
ये बारिश का मौसम, नौकरी का ख्याल
पापा की उम्मीदें , हजारों सवाल
लवों पे खामोशी, मन मे बबाल
क्यों पूछतें हो यारों बेरोजगारों का हाल।।
©आदर्श कुमार अमन-
चेहरा लगे मुरझाया सा
दिखे जैसे सताया सा...
जिंदगी लगती हो जिसे बेकार
वही तो है साहेब, बेरोजगार😑
©आदर्श कुमार अमन-
चलो माना गया 'कोरोना',
पर छाई अब नई महामारी है।
सारे युवा संक्रमित इससे
कहलाता जो 'बेरोजगारी' हैं।।
©आदर्श कुमार अमन
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बाते दिल की दिल मे ही रह गयी
लब शांत रहा, खामोशी सारी बातें कह गयी।
दबा रखे थे जो कुछ, जख्म सीने में छुपा के
जाने क्यों कल रात, वो आंखों से बह गई।।
©आदर्श कुमार अमन
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रातें हो चली है नींद का कोई पता नही,
दूरियां भी बढ़ गई, है जबकि कोई खता नही।।
©आदर्श कुमार अमन
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अनपढ़ ही क्यों न हो,
लड़कियां कभी जाहिल नही होती...
अपने अदाओ से मारती है
पर वो कातिल नही होती।
और मोहब्बत में सब कुछ
त्याग देते हैं ये मासूम लड़के..
जबकि लड़कियां बेइंतहा
इस मोहब्बत के काबिल नही होती।।
©आदर्श कुमार अमन-
दिन जब ढलती जाये
उम्र भी तब बढ़ती जाये..
बेरोजगारी का चोला ओढ़े
बोलो कोई कैसे मुस्कुराए....
राते काटने को दौड़ती
आइना भी नजर चुराए...
पढ़ाई करो पूरे मन से
और रिजल्ट तब भी न आये...
असफलताओ की ढेर पर बैठे
बोलो कोई कैसे मुस्कुराये...
छोटी छोटी बातें
जब दिल पर लग जाये..
और नाते रिश्ते फिर
सम्भल न पाये...
तन्हाई के इस पल मे
बोलो कोई कैसे मुस्कुराए....
© आदर्श कुमार अमन
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बातें करना चाहती हैं वो हमसे
पर जाने क्यों डरती हैं...
आँखे कह रही हैं उसकी
अश्को की धारा हर रोज बहती है!!
खामोशी अब ये उसकी
हर पल मुझे परेशान करती है..
खिल उठता है ये दिल मेरा
चेहरे पर उसके जब मुस्कान रहती हैं!!
काश कुछ ऐसा कमाल हो जाये
मेरे जैसा उसका भी हाल हो जाये..
और बनी रहे दोस्ती पहले की तरह
तो हमारे लिए भी मुबारक ये नया साल हो जाये!!
©आदर्श कुमार अमन
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