मां की हर ख्वाईसों को उड़ान देता है मामा।
भांजा-भांजी की हर खुशी को मुक्कमल करार देता है मामा।
अपनी जिंदगी छोड़,बहन के चेहरे में मुस्कान देता है मामा।
सारी जिंदगी निस्वार्थ भाव रख, बहन के बच्चों को स्नेह-लाड़ देता है मामा।
अपने बच्चों की भांति बहन के बच्चों को अधिकार करार देता है मामा।
तभी तो देखा जाता हैं ना
मां के बाद बच्चे के मुख का दूसरा नाम होता है मामा,,,
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