और ये क्या बस अब नाम की होली रह गयी है।।
कि लोगों के बदलते रंगो को देख कर, भरें बाज़ार की दुकानें बंद रह गयी है।।-
Aaditya Meena
(Aaditya meena)
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Joined 29 June 2019
30 MAR 2021 AT 12:35
11 JAN 2021 AT 10:15
कर्म-ऐ-नर्म तो कर ऐ बन्दे।।
की,बात जब बदले की आए तो प्यार-ऐ-मोहब्बत ही मिले।।-
1 OCT 2020 AT 20:54
फिर से चले है वही, जहां से कभी आये थे।
कि मुझे शामें तो पसन्द है, पर कही और की नही।।-
21 AUG 2020 AT 10:27
Tum barish sa ishq to karo,
Hum jaipur ki tarah doob na jaye to kahna..||-
1 MAY 2020 AT 15:27
हल्के से सिसकियां भरी और चल दिया काम पर।
मजदूर था उसे रोने की इजाजत जो नही थी।।-