हम भी इश्क में नाकाम होने वाले थे कि तभी
खुदा का कहर बरपा और वो हमारे हो गए-
होता रहता है यूँ ही क़र्ज़ बराबर मेरा
एक कोरा कागज और एक सूखा गुलाब आया
मेरे आखिरी खत का कुछ इस तरह जवाब आया-
तू नया है तो दिखा सुबह नई शाम नई
वर्ना इन आँखों ने देखे हैं नए साल कई
फ़ैज लुधियानवी
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तथ्य, तथ्य हैं और ये किसी की पसंद-नापसंद
से गायब नहीं होते हैं, आप दीवार के चित्रों को
बदल कर इतिहास के तथ्यों को
नहीं बदल सकते हैं।
- पं॰ नेहरू
भारत के प्रथम प्रधानमंत्री एवं आधुनिक भारत
के शिल्पी पं. जवाहरलाल नेहरू जी की
जयंती पर शत् शत् नमन-
ऐसे दस्तूर को,सुब्ह-ए-बे-नूर को
मैं नहीं मानता मैं नहीं जानता
फूल शाख़ों पे खिलने लगे तुम कहो
चाक सीनों के सिलने लगे तुम कहो
इस खुले झूठ को ज़ेहन की लूट को
मैं नहीं मानता,मैं नहीं जानता
चारागर दर्दमंदों के बनते हो क्यूँ
तुम नहीं चारागर कोई माने मगर
मैं नहीं मानता,मैं नहीं जानता
- हबीब जालिब-
कहां बोलना है, कितना बोलना है
ये घटनाएं तय नहीं करती
तय करता है राज्य में सरकार किसकी है
तय करता है अपराधी का धर्म और जाति
तय करती हैं हमारी राजनीतिक पसंदें या नापसंदें
हम कभी निष्पक्ष या तटस्थ नहीं हो पाते और इसीलिए
ये राजनीतिक आका हमारा फायदा उठा पाते हैं
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इतना तेज बोलो कि बहरे कानों तक पहुंचे...
इन देश बेचने वालों की दुकानों तक पहुंचे...-
ढाल में ढले समय की, शस्त्र में ढले सदा
सूर्य थे मगर वो सरल, दीप से जले सदा
ताप में तपे स्वयं ही, स्वर्ण से गले सदा
राम ऐसा पथ है, जिसपे राम ही चले सदा
दुःख में भी अभाव का, अभाव सिर्फ राम हैं
भाव सूचिया बहुत है, भाव सिर्फ राम हैं
- अमन अक्षर
श्री राम की चारित्रिक विशेषताओं को हम लोग
आत्मसात् करें , ऐसी कामना करते हुए सभी
लोगों को भूमिपूजन की शुभकामनाएं 🙏
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कैसा ये कमाल अब के किताबों में है
हर बार एक सवाल उसके जवाबों में है
यूं तो मुद्दतों वो मुझ से बात नहीं करता
लेकिन, मेरा ही ख्याल उसके ख्वाबों में है-