आध्या रेणु   (आध्या रेणु)
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Joined 22 June 2018


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the sperm baby
part :-4

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(part :3)



मेरे पोस्ट Facebook, insta और whatsapp पर मेरी अनुमति के बिना share ना करे मेरी कहानियां सर्वथा मौलिक है... ।
don't copy my post




































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योग दिवस पर ख्याल आया fit रहना चाहिए स्वस्थ रहना चाहिए , योग और व्यायाम करने चाहिए... बुखार चढ़ा योग किया, योग करते - करते selfi भी ली (actually उसी के लिए ही तो योग किया था) आज दूसरा दिन है, बुखार उतर गया है... फ़िलहाल social media पर योग की तस्वीरे डालेंगे वाह- वाही बटोरेंगें.... और योग, छोड़िए कल करते हैं.. अब कल आए ना आए 😁😁😁

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The sperm baby
(part - 2)
(मेरे पोस्ट Facebook, insta और whatsapp पर मेरी अनुमति के बिना share ना करे मेरी कहानियां सर्वथा मौलिक है... ।
don't copy my post it's my copy write)

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कहानी लिखने वालों के दिमाग में कीड़ा होता है,
जो कुलबुलाता रहता है, तब से जब उसका मस्तिष्क उसे कहानी लेखन के लिए प्रेरणा देता है और तब तक कुलबुलाता है जब तक वो लिख नहीं चुका होता... ।

मैं परेशान हूँ इस कीड़े से 🙂

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the sperm baby

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और बतायें कि हाल क्या है,
मिले हो बाद मुद्दतों के की बात क्या है..।

नज़र से नज़र मिलाया न जाए,
हुजूर कह भी दे अब की बात क्या है..।

शब गुजरेगा फिर आँखों में ही,
रह ना जाए दिल में ही की बात क्या है..।

फ़िर ना होगी बातें, ना मुलाकातें,
रह जाएंगी यूँही अधूरी की बात क्या है..।

आँखो में छाया रहा दर्द वो गहरा,
लबों पर ही जो रह गया की बात क्या है..।

हमे गिला नहीं वफ़ा उनसे हुआ नहीं,
फ़िर रह गई क्यों उम्मीदें की बात क्या है..।

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कोई मिले ग़र मुस्कुरा के, तो होश फ़ना हो जाते हैं,
मतलब की इस दुनिया में भला अपना ये कौन हैं..।
फ़िर भी तुम कहते हो ग़र तो मान ही लेते हैं हम भी,
की फिर छलकेगें दरिया भी कैद जो इन आँखों में है।

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वो जो बेहद अजीज थे कभी,
आज बिगड़े भी है, रुसवा भी है..।

हम मनाए क्यों किस्मत तुझे,
तू जिद्दी भी है, कुछ खफ़ा भी है..।

हम चले हैं जिस सफ़र पर,
वो राह तन्हा भी है, पेचीदा भी है.. ।

भूल भुलैया है मेरे चारो ओर,
ये दिल हैरान भी है, परेशाँ भी है.. ।

छोड़ आया वक्त मुझे वहीं पर,
जहाँ तू भी है, दिल के टुकड़े भी है..।

सोचती हूँ अब काफ़िर हो जाऊँ,
खुदा तेरे घर में देर भी है अंधेर भी है.. ।

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कोई ग़ज़ब बात कह दो,
कुछ ज़ख्म नये ही दे दो..।
उम्मीदें सर उठाने लगी हैं
तुम मेरी चुटकी काट दो..।।

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