*ओम् नमः शम्भवाय च मयोभवाय च*
*नमः शंकराय च मयस्कराय च*
*नमः शिवाय च शिवतराय च ।।*

*( यजुर्वेद अ० १६।म० ४१।।)*

*जो सुखस्वरूप संसार के उत्तम सुखों का देनेे वाला कल्याण का कर्ता , मोक्षस्वरूप , धर्मयुक्त कामों का ही करनेवाला , अपने भक्तों का सुख देनेवाला , धर्मयुक्त कामों में युक्त करनेवाला , अत्यंत मंगलस्वरूप और धार्मिक मनुष्यों को मोक्ष का सुख देनेवाला है उस सच्चिदानंदस्वरुप निराकार सर्व शक्तिमान न्यायकारी दयालु अजन्मे अनंत निर्विकार अनादि अनुपम सर्वाधार सर्वेश्वर सर्वव्यापक सर्वान्तर्यामी अजर अमर अभय नित्य पवित्र और सृष्टिकर्ता परमपिता परमात्मा को हमारा बारम्बार नमस्कार हो ।*

- संस्कृतदलम्