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बलकी भीड़ जिस के लिए खडि है वो बनना है मुझे.....✍
હજારો જીવ છે આ દરીયા માં સમાયેલા,
પણ હજીયે ખોટ સરોવર ગયેલ હંસલા ની છે...✍🏻-
क्या सफ़र तय हो रहा है, जिन्दगी का...
रूह को वहीं थाम लिया गया हैं,
और
जिस्म को कहीं ठह़र ने की इजाज़त नहीं...✍🏻
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लहजे़ से तेरे मजबूर सा लग रहा हैं,
ये प्यार तेरा रिश्ता कम समझौता ज़्यादा लग रहा हैं.
और अब तो आज़ाद हैं तू अपनी ही ज़िद की वजह से...
और अब तो आज़ाद हैं तू अपनी ही......ज़िद की वजह से,
यूँ मायूस न बैठ
केे तेरा चेहरा मुस्कुराते हुए ज्यादा अच्छा लगता है...✍🏻
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હું સાચવીને બેઠો હતો ગુલાબ રણમાં,
કોઈ કઠોર ઠીકરે, માટલું ફોડી નાંખ્યુ...✍🏻
_AV-
गुमान सा चड़ा था इश्क तेरा,
और अब लम्हों का थम जाना आम बात हैं.
जब मुक्कमल हाथों में था हाथ तेरा,
अब तनहा़ करवटें बदलना... आम बात हैं...✍🏻-
कुछ ऐहसास हैं जो हर पल दिल को सुकून देते हैं
कुछ ऐहसास हैं....
जो हर पल दिल को सुकून देते हैं...
बहाने से बाँहों को छू ना तुझे,
हस्ते हुए मुझे याद आ गया...✍🏻-
ज़माने का हौंसला नहीं चाहिये हमें,
तेरा साथ होना मेरे लिए काफी़ हैं...
तेरे जाने केे बाद किसी गैर की क्या जरुरत ?
फिर ये तन्हा कोना, आँखों का रोना काफी हैं..✍🏻-
तुज़से पर्दा हमें कुछ यूँ करना हैं
केे हमने पुरानी महफ़िलो से रास्ता बदला है,
फिर भी अाज याद आई तुम्हारी
और हमने फिरसे इरादा बदला हैं....✍🏻-