घायल परिंदों को भी क्या कैद करना पिंजड़े में ,,
वो तो खुले आसमान के नीचे रहकर भी अपनी उड़ान नहीं भर सकते !!
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वो जो मिल जाए तो हालात बदल जाएंगे,,
चोट खाकर भी मुहब्बत में संभल जाएंगे!!
हम तो दर दर उन्हें आवाजें दिए फिरते हैं,,
उनकी महफ़िल में जाएं तो बहल जाएंगे!!-
इन्तजार भी उसी का रहता है हर वक्त,,
जिसके आने की कोई उम्मीद नजर नहीं आती!!-
जिंदगी और मौत से हर पल दो -दो हाथ हो रही है ,,
मौत भी जिंदगी को पछाड़ के खुश हो रही है !!
जिंदगी ने मुझको सफर से पहले ही तोड़ा है ,,
इसीलिए मौत ने भी गले लगा कर छोड़ा है !!
एक खुदा है कि मेरी गुहार नहीं सुनता ,,
और अब ये वायरस भी मौत की पुकार नहीं सुनता!!-
गर हो जाएं उदास तो बस मुस्कुरा दिया करते हैं,,
कुछ इस तरह अपने जख्मों को हम भुला दिया करते हैं!!-
इश्क के बाज़ार में ख्वाबों का टूटना तो लाजमी था ,,
खामाखां खुद को खुशनसीब समझ बैठे थे !!-
जो जख्म दिल में उतर जाते हैं,,
वही अश्कों में नजर आते हैं!!-
जिंदगी ने जब से मुझको जाना है,,
उसका घर अब मेरा ही ठिकाना है!!-
अगर वो दोस्त है तो फिर दूरी कैसी,,
गुफ्तगू न सही लेकिन ये वक्त की मजबूरी कैसी!!-
उसकी क्या ही बात करूं मैं ,,
कल रात को मौत ने भी मुझको गले लगा कर छोड़ा है!!-