प्रेम स्वतः ही तुम्हें लचीला बना देगा,
प्रेम में कठोरता संभव ही नहीं......!!
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बंशी सब सुर त्यागे है, एक ही सुर में बाजे है।
हाल न पूछो मोहन का, सब कुछ राधे राधे है।।
हम भी मुसाफ़िर बन बैठे
इस पार न सही उस पार सही
जो कल ना था वो आज सही
बन के मुसाफ़िर कश्ती के
हम इश्क की नाव में चल बैठे।।-
जिन्दगी बस एक मौका देती है, फिर पछताने से कुछ नही होता ।
जो अब मिल नही सकता उसकी इतनी याद क्यू आती है।।
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