A M   (निर्मोही)
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मुझे नहीं पता कि मैं क्या लिख रहा हूँ,
बस जो बीत रही है,वो दास्तां लिख रहा हूँ।।
Joined 17 September 2017


मुझे नहीं पता कि मैं क्या लिख रहा हूँ,
बस जो बीत रही है,वो दास्तां लिख रहा हूँ।।
Joined 17 September 2017
8 APR AT 12:25

मेरी ख़ामोशी का रास्ता तेरी बेरूख़ी की गलियों से निकला है !!

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17 MAR AT 17:48

कब्रों की हिफाज़त में मशरूफ़ है हुक़ूमत

शायद, मुल्क में अमन बहुत है !!

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5 JAN AT 12:55

उसकी क़दर में इस कदर बेक़दर हो गये,

होश आया तो सदर से दर–बदर हो गये!!

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18 NOV 2024 AT 8:24

शिकायतें थम नही रही, यादें रूक नही रहीं,
एक तुम हो, जो अब जा चुकी हो,
एक मैं हूं, जो अब मैं रहा नहीं!!

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16 NOV 2024 AT 11:02

तुझे सौंप दिया हिसाब, तेरी यादों का
मुझसे मत ले ब्याज, अब उन बातों का !!

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1 MAY 2023 AT 13:40

Melting of Heart is neither a physical change nor a chemical change. It is a soulful change.

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2 APR 2023 AT 18:36

और कितनों को लपेटा है, इस सादगी के जाल में
इक उम्र गुज़र गई , यूं ऐतबार करते–करते !

अरे! किस्तों में बांट रखा है प्यार को तूने
कब्र खुद गई हमारी, EMI भरते–भरते !!

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26 DEC 2022 AT 17:28

Dil ki chingari bujhe ab ho gaye zamane
Tu call karti hai mujhe, kisi aur ke bahane
Yun rakh me dafan sholey, kureda na kar
Teri yaad Tak na aati ab mujhe satane.

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24 DEC 2022 AT 20:05

For the humans, Secrets are no less than a treasure which they mummify them with the lies and insecurities. And these secrets have different shades like- Dark, gray as well. Humans preserve their secrets so religiously as if the whole universe is running out of mysteries.

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16 SEP 2022 AT 10:04

बुझ रहा चराग, अब मशाल तू संभाल ले
खिड़कियों से सिसकियों की आह तू संभाल ले
मुड़ गए हैं मंजिलों की दौड़ से ही हार के
बिजलियों की छोड़, अब वो दौड़ तू संभाल ले

छोड़ काफ़िले का फिक्र, अकेला ही था चल पड़ा
क्या गज़ब का दौर था, तूफानों से ही जा भिड़ा
मंजिलों की चाह छोड़, पथिक का भी तो हाल ले
बुझ रहा चराग, अब मशाल तू संभाल ले!!

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