A. chaturvedi   (Abhay chaturvedi)
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@chaturvediabhay554 my insta id
Joined 9 July 2019


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14 FEB AT 18:25

लिख तो दू मगर पढ़ पाओगे क्या?
मेरी बेमकसद सी जिंदगी को समझ पाओगे क्या?
मैं तो बेपरवाह लम्हा हूँ
जो देखोगे भी कहीं मुझे,
तो पहचान पाओगे क्या?
अभय चतुर्वेदी (बेबाक मुसाफ़िर)

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16 OCT 2021 AT 13:45

जहाँ कोई बंदिशें नहीं होती,
कोई शिकायतें नहीं होती.
होती हैं ख्वाहिशें साथ की,
दिलों की दूरी नहीं होती.
प्यार वो शहर है,
जहाँ दिल तोड़ कर जाने वाली...
दिलों में हसरतें नहीं होती.
अभय चतुर्वेदी (बेबाक मुसाफ़िर)

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2 OCT 2021 AT 20:28

चलो ठीक है तुम्हारी बात मान ली,
मगर खबर तो देते युँ खामोशी से क्यों जाना था,
वजह तो देते भूल जाने की पहले...
तुमको अगर जाना ही था....

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8 SEP 2021 AT 15:48

हर रिश्ते की विश्वास,
हर अपनों की पहचान,
और बिन बोले दिल की बात
की जो पहचान करा दे,
खामोशी वो जवाब है.

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7 SEP 2021 AT 19:07

हर रात मुलाकात होती है,
कुछ न कुछ हर बार बात होती है...
मेरी और चाँद की कहानी न जाने क्यों एक सी लगती है...
बातें हमारी सब करते हैं...
मगर साथ चलने की ख्वाहिश किसी की नहीं होती है

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6 SEP 2021 AT 13:36

भरी महफिल हो,
या अकेले में गुज़रती शाम,
दिल अक़्सर अकेला रहता है.
न कोई साथ चलने वाला,
न हाथो में किसी का हाथ,
जब चलता है.....!!
तो हर सफर पर दिल अकेला होता है ..

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5 SEP 2021 AT 21:37

क्यों हर बार मेरी बात अनकही रह गई,
मिल कर भी उससे क्यों दूरी रह गई.
कोशिश रही हर बार कोई ख़लिश न रहे,
फिर समझ न आया कि कहाँ क्या कमी रह गई.

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3 SEP 2021 AT 22:16

पल भर की सारी कहानी है,
आते जाते लम्हों की बस इतनी सी रवानी है,
कौन जाने कौन सा साथ,
कौन सी बात आखिरी बन जानी है.
जो बीत गया वो कल,
जो आयेगा वो भी कल,
जो है सिर्फ वो साथ है ,
और वो ही हमारे होने की निशानी है.

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21 AUG 2021 AT 3:34

मगर छोड़ो...!!!
लिख दूँ जो कुछ तेरे नाम का तो बस एक हादसा समझना,
और आ जाऊँ जो तेरे शहर कभी तो उसे प्यार नहीं.. मेरा भटका रास्ता समझना..
(बेबाक मुसाफ़िर)
एक मुसाफ़िर रात की गलियों का.....
#3:30_thought

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25 JUL 2021 AT 22:12

आओ एक रस्म मोहब्बत की पुरी कर लेते हैं,
तुम एक बार आकर मिलो पुरी उम्र के लिए तुम्हें हम अपने साथ रोक लेते हैं...
ये आते जाते मौसम कभी सावन तो कभी पतझड़ भी लाएंगे,
जो बदले उसे बदलने दो मेरे यार....!!
आओ थाम कर हाथ ये लम्हा अपने दरमियाँ आज रोक लेते हैं.

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