नौ महीने जिस्म से जोड़ जिसने जुदा किया है
हमारी खुशियो पर, अपना सब कुछ फिदा किया है।।
खुदा भी झुकता है उसके सजदे में
इसलिए उसने मां को खुदा किया है।।
A ß Seervi-
From jodhpur,,,,Rajasthan
जिंदगी हर किसी की, आसान होती भी नही
दुसरो को जिताने वाले, अक्सर खुद ही हार जाते है
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अदब है इश्क़, गजब है इश्क़
रूहानी सी इक नज्म है इश्क़
मुक्कमल हो जाये तो जन्नत है ये
अधूरा रह जाये तो, सबक़ है इश्क़
वजीर है इश्क़, प्यादा है इश्क़
कृष्ण के नाम संग, राधा है इश्क़
तड़प है इश्क़ ...तलब है इश्क़
बच्चे को माँ की झलक है इश्क़-
..वो खुदा का भी खुदा है
उसकी दुआ, हर मर्ज की दवा है
पूरी कायनात भी लिखू तो कम है
एक शब्द में बतलाऊँ....वो मेरी 'माँ' है
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नही होगा अब तेरा मेरा मिलन ,
ये मुलाकात आखिरी है•
रोयेंगे ना फिर तुझे कभी याद कर
आँसू का सैलाब आखिरी है•
होगी न तुझे देखने की चाहत अब
दीदार की तलब आखिरी है•
आखिरी है ये सितम तेरे,,जख्म आखिरी है
फिर नही आएंगे कभी तेरी गलियों में,
ये सफर आखिरी है•
मोहब्बत न होगी फिर किसी से
तू मेरी मोहब्ब्त आखिरी है•
जाने वाले तू खुश रहे हमेशा
दिल की ये दुआ आखिरी है•
आखिरी है ये शब्द मेरे,,,ये रस्म आखिरी है••••
A.B.SEERVI
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तुमको इतनी भी फुर्सत नही,
क्या अब हमारी जरूरत नही ?
बदले बदले से लग रहे हो जनाब
अब तुम्हें पहले सी उल्फत नही,,,
मौसम सा अंदाज है, तुम्हारा
बदलने का रिवाज है तुम्हारा ?
क्यो अब पहले सी कुर्बत नही
तुमको इतनी भी फुर्सत नही,,,,,,,-
इश्क़ के किरदारों को जब जब भूला जाएगा
फिर कोई रांझा यहाँ, हीर से मिलने आएगा,,
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आखिर मिल गया इंसाफ निर्भया को
लटका दिया फाँसी पर,,4 दरिंदो को
जिन दरिंदो ने इंसानियत को झकझोरा था
मासूम लड़की को,,,कुत्तो की तरह नोचा था
आज मौत ने उनका हिसाब बराबर कर दिया,,,,,
भले ही न्याय में देर है,,लेकिन न्याय मिल गया,
A.B.SEERVI
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छोड़ गया वह जालिम ,जो बीच राहों में
दिल यह छलनी हो गया ,इश्क की हवाओं से,
जो कहता था, कभी छोड़ के ना जाऊंगा
फ़लक में भी रहु, फिर लौट के आऊंगा
अब वही फ़लक है, और वही ज़मीं है
हम भी वही है,,, कुछ बदला नही है
इतराता है वो, कि अब कौन मुझको चाहेगा छोड़कर हमको ,,,,क्या वह भी "वो" रह पाएगा
कसर ना छोडी , उसने दिल दुखाने में
छोड़ गया वो जालिम,जो बीच राहों में...-