बेल पत्र से ही खुश हो जाते,
ढोंग आडम्बर ना इनको भाते,
आदर्श पति आदर्श संन्यासी,
सब भक्त बराबर राजा-भिखारी,
परम योगी,नटराज, मुक्ति के दाता,
असुर-सुर सबके तुम भाग्यविधाता...-
Teacher...but still a student
Want to express myself with the ink of emotio... read more
वो गुजरा हुआ समय,
जब स्कूल से लौटते वक्त,
जानबूझकर हम,
उन्हीं गलियों से गुजरते थे,
जिनमें नटखट साथियों के संग,
भीग सकें ,बचपन को जी सकें,
और घर आकर भोले से बन जाते,
मां दौडकर तौलिया लाती थी और,
लाती थी अदरक वाली चाय...🥰-
कौन हंसेगा कौन फंसेगा,
किसने देखा है स्वर्ग-नरक,
सच्चे-झूठे, अनिश्चित से हैं,
लोगों के सारे तर्क-वितर्क,
जो तूने हॅसा-हॅसाया,
बस वो थे स्वर्ग का हिस्सा,
जब तू रोया बिखरा,
वो पल बने नर्क का किस्सा...
-
कुछ मेरे अपनों ने ही लगाये मेरे सुखों पर पहरे,
जिंदगी के संघर्षो में निखरते रहे रिश्तों के चेहरे,
अब तो पल-पल करता हूं बस खुद पर भरोसा,
दिल कहता है हो जो बस खुद का ऐकला ही चल रे..-
दूसरों के लिए,
वैसे ही व्यवहार और उन्हीं,
शब्दों का चयन कीजिए,
जो आप खुद के लिए चाहते हैं...-
दुआ है हम सबकी,
आप लोग अपने लक्ष्य में,
सफल होकर सकुशल लौटें,
और दुनिया को परिचित करायें,
नव ज्ञान और नये रहस्यों से....-
खट्टी-मीठी गोलियों सा,
हर जीवन का विस्तार,
कभी धूप है कभी छांव है,
कहीं कंटक कहीं फूलों का श्रृंगार,
कभी लड़ना है लहरों से,
कभी पहुँचे उस पार,
जीवन जीया पल-पल उसने,
जो अंतिम सांस तक ना माने हार...
-
जुड़ रही नित धन-माया,
खर्च हो रही है पर काया,
कितने आये गये हैं कितने,
तू क्यों खुद पर भरमाया,
-