Mridul Sarraf   (.)
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जिंदगी का असली आधार प्रेम है।

|| राधे राधे ||

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Joined 11 April 2018


जिंदगी का असली आधार प्रेम है।

|| राधे राधे ||

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Joined 11 April 2018
1 DEC 2022 AT 9:49

मेरे पास से जो गुजरा तो हाल तक न पूछे,

मैं कैसे मान लूं की वो सख्श हर किसी के
हिफाजत की दुआ मांगता है..!!

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30 NOV 2022 AT 19:44

मुठीभड़ दोस्त है और कतरे भड़ यारी है,
जो रहेता है निभाता है ठीक है वरना अपनी भी खूदारी है।

हम झूठी दोस्ती का दिखावा नहीं करते,
हम दोस्ती के नाम पर छलावा नहीं करते।

अब जिंदगी उस दोड़ में है जहां हम अब दोस्त कम बनाते है।
ऐसा है ना की अब हम दोस्ती के नाम पर सांप पाला नहीं करते।

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24 NOV 2022 AT 22:15

आज ख्याल में तेरी मुलाकात से जाना,
फिर एक एहसास मुझे सताने लगा।

कि तुझसे मिल कर मंजिल तो मिल जाएंगी,
लेकिन तुझसे मिल कर सफर थम जाएगा।





- Mridul Sarraf

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29 DEC 2021 AT 22:12

………….

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12 DEC 2021 AT 9:39

तुझे देखने के बाद कुछ
यूँ जान मैं जान आती है,

जैसे सालों से बंद पंछी
के आँखों के सामने
आसमान आती है,

फिर भी फ़क़त बस
फर-फरा कर रह जाता हूँ ,

वो जो उर्ना भूल गये हो..
खुला आसमान कहाँ
उनके काम आती है….

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23 NOV 2021 AT 22:46

ये इश्क़ भी कितने कमाल की बातें हैं,
परिंदा पिंजरे में रहता है और फ़र्फ़राता भी नहीं,
कहने को तो दरमियाँ सिर्फ़ इश्क़ रहती है,
लेकिन शख़्स सिर्फ़ दिमाग़ लगाता है,
दिल लगता ही नही…



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30 OCT 2021 AT 11:27

तु पास है बहोत यूँ तो,
लेकिन अब पहले जैसे करीब नहीं लगता,
हमारे दरम्यान ये फासला,
तुझे क्या ये अजीब नहीं लगता..??





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27 OCT 2021 AT 10:05

जिंदगी की असलियत जिंदगी भर साथ चल कर पूछना,
अगर चल सको तो जिंदगी के बाद चल कर पूछना,
कितनी हसीन थी वो रातें ये सब पूछते हैं,
अगर पूछ सको तो तुम बस वो तनहा रातें पूछना।




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26 OCT 2021 AT 17:19

एक मैं था जिसके अश्क थमते नहीं थे,
और एक वो था जो कभी रोता नहीं था।

एक मैं था जो हर बार अपनी
आगोश में उसे भर लेता था,
और एक वो था जो उस आगोश से लिपट
कर भी कभी उसका होता नहीं था।





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4 OCT 2021 AT 23:09

वैसे तेरी खूदारी को भी माननी परेगी,
मेरी खुशबू से लिपट कर भी तू अनजान सा रहता है,
मैं तुझसे दूर रहें कर भी इश्क में रहेता हूँ,
तु इतनें पास रहे कर भी बेनाम सा रहता है।

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