मुझे पसंद है पुरानी कविता
जो मैं काग़ज़ों पर लिखती थी
वो जो कभी तुमने सुनाई थी
जो लिखी थी लड़कपन में
और फिर दुनिया से छुपाई थी
कविता, जिसका हर शब्द याद है
पर कभी गुनगुनाती नहीं
अब पढ़ती नहीं, सुनाती नहीं
रखती हूँ सहेज कर उस याद की तरह
जो सबसे क़रीब, सबसे अज़ीज़ है!
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