..न सांवला श्याम मैं,मनोहारी;
तू व्याकुल,बावरी राधा मोरी।🌿
चाहूँ रंग दूँ..खेलू जी भर के होरी;
मधुबन का पर मैं,नंदलाल नहीं।
..प्रीत पीयूष मधुर,पी ना सकी; Un -fulfilled L💝vE
क़ुसूर ये मोरा,ओ सुमुखी सखी। Yet, a treasure trove!
सूनी मांग सँवार दूँ..चुटकी भर;🔽 💠 ➖ 💠
पास सिंदूरी वो,पावन गुलाल नहीं! 🎶 🎶
..अधीर अधरों की,मौन बोली;
समा जाए इक दूजे में,हमजोली।
पिघले मुझमें जो तू..छाया बनकर; 🌾न संगिनी, तू विरहिणी!
प्रिये वो मैं,लम्हा-ए-विसाल नहीं!🍁 🥀 Separation; destinY
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