शहर में आ कर पढ़ने वाले ये भूल गए,किस की माँ ने कितना ज़ेवर बेचा था। -
शहर में आ कर पढ़ने वाले ये भूल गए,किस की माँ ने कितना ज़ेवर बेचा था।
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काश तू समझ सकती मोहब्बत के उसूलो को, किसी की सांसो में समाकर उसे तन्हा नहीं करते -
काश तू समझ सकती मोहब्बत के उसूलो को, किसी की सांसो में समाकर उसे तन्हा नहीं करते
कुछ दिल के अल्फाज़ लिख देते हैं, कुछ तुम समझ लेना। -
कुछ दिल के अल्फाज़ लिख देते हैं, कुछ तुम समझ लेना।
तुम्हारे बारे मे सोचना, अच्छा लगता है मुझे। -
तुम्हारे बारे मे सोचना, अच्छा लगता है मुझे।
कल एक झलक ज़िंदगी को देखा,वो राहों पे मेरी गुनगुना रही थी,फिर ढूँढा उसे इधर उधरवो आँख मिचौली कर मुस्कुरा रही थी, -
कल एक झलक ज़िंदगी को देखा,वो राहों पे मेरी गुनगुना रही थी,फिर ढूँढा उसे इधर उधरवो आँख मिचौली कर मुस्कुरा रही थी,
जो बाहरी मुखड़े ही दिखा पाता है -
जो बाहरी मुखड़े ही दिखा पाता है
अपना तो कुछ नही, देख आज दिसंबर भी 13 है। -
अपना तो कुछ नही, देख आज दिसंबर भी 13 है।
अभी मेरी ज़िंदगी का -
अभी मेरी ज़िंदगी का
तू मेरी बाहों मे हो -
तू मेरी बाहों मे हो
जो सारे रिश्तो मे महक ला देती है। -
जो सारे रिश्तो मे महक ला देती है।