चल तेरा एक और काम आसान कर देते हैं
खुद के नाम को खुद से बदनाम कर देते हैं-
आज फिर से वही रात है,आज फिर से वही दिन,
आज फिर से नींद उड़ी हुई सी है,आज फिर से मैं तेरे बिन,
सालो में भी न बदला मेरे मन का मंजर,
सालो सींचता रहा आसूं लिए गमेंखंजर,
हर बढ़ते कदम कहते गए होगा तेरा भी सवेरा,
गमेंकाले बादल छटेंगे अब सबकुछ होगा तेरा
निकल पड़ी है जिंदगी ज़िंदगी की तलाश में,
मुझे तो हर पल है तुझमें ही जीना, नही जीना किसी खास में,-
आज फिर से ख्वाबों में आए थे
मुझे गहरी नींद से जगाए थे
नमदीदा मैं भी था
नमदीदा तुम भी थे
तुम्हारे लिए पता नहीं मैं क्या था
पर तुम मेरे लिए आखरी मोहब्बत थे
पता नही हम मिले न मिले
पर फिर भी इन आंखों में तेरे इंतज़ार का एक कतरा बाकी रहता है,
तुम आओगे ये बोल गए थे
बस इसी धुन में मेरी मोहब्बत जिंदा रहता है
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बन कौशल्या ध्यान रखा ,मेरे हर बातो का मान रखा
मै भी बन कान्हा माँ जैसा सम्मान रखा
वो मीठी सी बोली, वो बातो में अनंत रंगो की टोली
वो बातो ही बातो में मेरी फ़िक्र, वो बातो में मेरे स्वस्थ रहने की जिक्र.........
मैं नहीं हु गलत,ना ही आप हो गलत.....माँ बेटे का प्यार तो निश्छल है .....माँ .......-