(SALVIK)
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Joined 2 April 2021


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30 APR 2023 AT 1:56

चल तेरा एक और काम आसान कर देते हैं
खुद के नाम को खुद से बदनाम कर देते हैं

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26 DEC 2021 AT 2:26

आज फिर से वही रात है,आज फिर से वही दिन,
आज फिर से नींद उड़ी हुई सी है,आज फिर से मैं तेरे बिन,
सालो में भी न बदला मेरे मन का मंजर,
सालो सींचता रहा आसूं लिए गमेंखंजर,
हर बढ़ते कदम कहते गए होगा तेरा भी सवेरा,
गमेंकाले बादल छटेंगे अब सबकुछ होगा तेरा
निकल पड़ी है जिंदगी ज़िंदगी की तलाश में,
मुझे तो हर पल है तुझमें ही जीना, नही जीना किसी खास में,

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13 NOV 2021 AT 1:42

आज रात भी गहरी है
आज फिर से नींद भी मेरी ठहरी है
मुलाकात तो होगी,कभी यादों में तो कभी बातो में

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13 NOV 2021 AT 1:28

आज भी ये दिल मानने को तैयार नही
की तुम ऐसे कैसे हो गए
तुम थे तो ऐसे नही,
चंद लम्हों में ऐसे कैसे खो गए
आप बहुत याद आते हो
जब वो बाते याद आती है ,वो तेरा कहना
ऐसे वक्त में मुझे आपके साथ है रहना

"तुम ऐसे तो थे नही"

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9 OCT 2021 AT 5:44

आज फिर से ख्वाबों में आए थे
मुझे गहरी नींद से जगाए थे
नमदीदा मैं भी था
नमदीदा तुम भी थे
तुम्हारे लिए पता नहीं मैं क्या था
पर तुम मेरे लिए आखरी मोहब्बत थे
पता नही हम मिले न मिले
पर फिर भी इन आंखों में तेरे इंतज़ार का एक कतरा बाकी रहता है,
तुम आओगे ये बोल गए थे
बस इसी धुन में मेरी मोहब्बत जिंदा रहता है

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23 SEP 2021 AT 2:46

"मुझे खोने से कभी डरे ही नही तुम, वरना आज मैं तुम्हारे पास होता" 😔

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5 SEP 2021 AT 15:26

तुम चले गए पर हम आज भी तेरी यादों में भींग रहें है
तुम नही हो आस पास,पर तेरे होने की खुशबू को महसूस कर रहें हैं
सो चुके हो गहरी नींद में अब तो,फिर भी तेरे जगने का इंतजार कर रहें हैं
मुश्किल है तुम जैसा कोई दूसरा होना, तेरी आवाज को हम ढूंढ रहे हैं
मिस यू सीड

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5 SEP 2021 AT 10:20

बन कौशल्या ध्यान रखा ,मेरे हर बातो का मान रखा
मै भी बन कान्हा माँ जैसा सम्मान रखा
वो मीठी सी बोली, वो बातो में अनंत रंगो की टोली
वो बातो ही बातो में मेरी फ़िक्र, वो बातो में मेरे स्वस्थ रहने की जिक्र.........
मैं नहीं हु गलत,ना ही आप हो गलत.....माँ बेटे का प्यार तो निश्छल है .....माँ .......

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24 AUG 2021 AT 18:11

ना कर नाकाम कोशिशें समंदर को नापने की
वो अभी तक पैमाना बना ही नही जो नाप पाए मुझ जमाने को

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12 AUG 2021 AT 13:49

आना चाह रहा था यार आने देते अपने शहर में
तेरा दीदार नही होता तो क्या,तेरे वहा होने की खुशबू को महशूश कर लौट आते हम

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