❤️   (-zindagi...)
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Joined 13 July 2020


Joined 13 July 2020
26 NOV 2021 AT 20:42

यहां हर कहानी के दो पहलू हैं जनाब
एक सुनाने के लिए ...
दूसरा अपने आप को समझाने के लिए.....

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11 OCT 2021 AT 19:26

कभी सोचा है ऐसा भी क्या हुआ..
कि मौत आसान लगी उसे जिंदगी से.....

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5 OCT 2021 AT 19:36

मिल जा मुझको उससे पहले तु कि....
इससे पहले मुझे यकीन हो जाए कि जो मैं चाहती हूं वैसा कुछ है ही नहीं...

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26 SEP 2021 AT 14:18

जरा देखिए तो ये रातें कटती ही नहीं ...
उनका ख्वाब मेरी आंखों पर उधार सा हो जैसे..

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25 SEP 2021 AT 9:02

वक़्त से ज़रा पुछ के बताना..
लोग वाकई बदल जाते हैं क्या..?

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16 AUG 2021 AT 10:45

मोड़ पर मिलेंगे इसका वादा न था,
रास्ता रोक कर वह खड़ी हो गई,
यूं लगा मौत जिंदगी से बड़ी हो गई।
मौत की उमर ही क्या है?
दो पल भी तो नहीं,
जिंदगी सिलसिला,
आज कल की नहीं।

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9 AUG 2021 AT 18:46

“Zindagi kis tarah guzregi jannab,
Apka to dil hi nahin lagta mohabbat m.”

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6 AUG 2021 AT 11:15

वो जो चाहने पर भी ना मिले , उसे ही किस्मत कहते हैं क्या..?

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4 JUL 2021 AT 12:27

Bura to lgta h Teri baaton ka magr ab btana chor diye h ..
Na jane isq hi nhi raha tujhse ya bss jatana chor diye h...

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3 JUN 2021 AT 10:34

"...कोशिश की थी कई दफा मैंने ,
पर शायद जज्बातों को दिल से निकलना मंजूर नहीं..."

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