जंग कलम से है या नफ़्स से नहीं पता
हारे खुद से है या वक़्त का फेर है नहीं पता
मंजिल मिलेगी, वक़्त भी आएगा
और वक़्त आएगा तो फतह भी आएगी
फिर इस तरह कोई हार हमारे सामने न टिक पायेगी।
कलम में जंग लगी है कैसे लिखू
मन भी भंग है कैसे लिखू।
😃😃😕😕
-
कहते हैं ज़्यादा टेंशन होने से बाल झड़तें है,
और मेरी टेंशन ये थी कि मेरे बाल झड़ रहे है।-
देखों दोस्तों
सफ़ल होने के लिए "वक़्त"और"भरोसा"
होना चाहिए। मेरी दुश्मनी दोनों से थी
न वक़्त मेरे पास था
न भरोसा मेरे साथ था
इस क़दर सफलता भी एक झूठा एहसास था
-
ईदुल-अझहा عِیدُ الضُّحیٰ
अल्लाह के हुक़्म पर दिखाई थी वफ़ादारी,
बेटेके गर्दन पर छुरा (क़ुर्बानी)चलाने की कर ली थी तैयारी
इस्माइल की क़ुर्बानी देने को तैयार हुए थे,
अर्-रहमान-ए-आजमाईश को पार किये थे,
हस्तगत खंज़र को जैसे ही चलाया,
बेटे का गर्दन था ही नहीं बकरा हुआ जबह,
तो जान लो जो हुक़्म-ए-ईलाही की तामील करेगा,
वही जन्नाही लिस्ट में अपने नाम को शामिल करेगा।
इस तरह
हज़रत इब्राहीम को उनकी जीत मुबारक़,
आप सभी को बकरा-ईद मुबारक़।
🤗🥳🤗
-
मुझे मेरे रब पे यक़ीन है,
इस्लाम मेरा सच्चा दीन है,
इसके साथ मेरा दिल मुतमईन है,
राह दिखाने वाला क्योंकि यासीन है।
N. K-
वो जो जिसकी ऊँची शान है,
वो जो रब के बाद रहमान है,
वो जिसको रब ने ख़ूब बनाया,
वो जो तेरा महबूब है ख़ुदाया,
वो जिसने दुनिया को दीन सिखाया,
वो जो अपने उम्मत का है रहनुमाया,
वो जो सबसे आ़ला-व- मुख़्तार है,
वो जो सारे नबियों का सरदार है,
वो जिसको रब ने फ़ाजिल ठहराया,
और,आप पर क़ुरआन नाज़िल फरमाया,
वो जिसकी नरम दिली मशहूर है,
आपके आने पर चारों तरफ़ नूर है।
बरोज़ (28 SEPTEMBER)
12 रबीउल अव्वल की बहुत बहुत
मुबारकबाद सभी को
उम्मत-ए-नबी को।😊😊
-