नहीं पता ये सफ़र हमारा कहां ले जायेगा तु मेरा होगा या किसी और का हो जायेगा फिर भी चाहेंगे हम तुझे इस कदर टूटकर कि तेरी जगह मेरे दिल मे कोई और नहीं ले पाएगा
कब तक तू यूँ ही हमको इग्नोर करेगा आज नहीं तो कल तू इजहारे इश्क़ जरूर करेगा हम भी बैठे है उस वक़्त की फिराक मे जब तुझे भी इश्क़ है हमसे ये क़ुबूल् करेगा ....