(Kuku)
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कविता मेरी उड़ान है,
बस घोसले से निकलने की देरी है।
Joined 29 May 2020


कविता मेरी उड़ान है,
बस घोसले से निकलने की देरी है।
Joined 29 May 2020
24 FEB 2022 AT 21:34

If you treat your work as a work how does it work.

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19 DEC 2021 AT 22:00

शायद इन लम्हों में जिन्हें मैं अभी जी रही हूं,
किसी अपने के एहसास में या उसके ख्वाब में।।

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19 DEC 2021 AT 12:02

न राधा थी न रुक्मणी न मीरा जैसी चाह थी,
मानो जैसे गिरधर में ही बस गई उसकी जान थी।।

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19 DEC 2021 AT 11:52

अंधविश्वास नहीं है,
बस खुशियों को नजर लगने से डर लगता है।

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9 DEC 2021 AT 22:02

ये कमबख्त दुनिया हर रिश्ते में नाम ढूंढती है
न जाने किस तराजू में तोलती है,
पर इस तोलमोल में शायद ये भूल गई दुनिया कि ; तेरे रिश्ते को भी किसी तराजू ने तोला होगा।

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29 NOV 2021 AT 14:55

मेरा तो दिन ही तुम से शुरू होता है,
अब क्या शामे भी अपनी नाम करोगे।
~tea lover

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22 NOV 2021 AT 22:41

इन आंसुओं को भी बहना था,
तालाब नहीं सागर बनना था;
पर ये तो थम गए उसी वक्त जब किसी अपने ने इसका पता पूछा।।

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12 NOV 2021 AT 17:29

जीवन उपन्यास होनी चाहिए कहानी नहीं।

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26 JUL 2021 AT 7:53

इस किताब के पन्ने मैं रोज पढ़ा करती हूं,
हर रोज़ एक नई कहानी को जिया करती हूं,
जब भी किसी खास की याद आती है , तो ये यूं ही आंखें नम कर जाते हैं ;
आंसूओं के बहाने ही सही पर दिल के कई राज खोल जाते हैं।

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13 JUN 2021 AT 19:40

We always think about tomorrow and forget to live in today.

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