(Vikrant_writes✍️)
6 Followers · 5 Following

Feel the Feelings💘
Quotes from the soul🙏
Just writing the feeling of deep inside ❤
Joined 20 May 2020


Feel the Feelings💘
Quotes from the soul🙏
Just writing the feeling of deep inside ❤
Joined 20 May 2020
30 JAN 2024 AT 1:12

जो सोने जाया भी करो जब कभी
अपने हिस्से की नींद से जाया करो!!
सपने में ही देख लूं तुमको जी भर के
मेरे हिस्से की नींद तो छोड़ जाया करो!!

-


30 JAN 2024 AT 0:44

कि बस मुस्कुराहट आ जाती है
जब भी उसके शब्दों को पढ़ता हूं!!
खयाल आता है उसको भी कुछ मेरा क्या
या बस मैं ही अकेले ख्वाब गढ़ता हूं!!

-


14 NOV 2020 AT 9:29

Ⱨ₳₱₱ɏ Đł₩₳ⱡł
🕯🕯
𝕄𝕒𝕪 𝔾𝕠𝕕𝕕𝕖𝕤𝕤 𝕃𝕒𝕜𝕤𝕙𝕒𝕞𝕚 𝕁𝕚𝕚
𝕗𝕦𝕝𝕗𝕚𝕝𝕝 𝕒𝕝𝕝 𝕪𝕠𝕦𝕣 𝕨𝕚𝕤𝕙𝕖𝕤..
𝕊𝕥𝕒𝕪 ℍ𝕒𝕡𝕡𝕪 𝕒𝕟𝕕 ℍ𝕖𝕒𝕝𝕥𝕙𝕪..
🙏😊🙏



-


7 OCT 2020 AT 5:49

कहाँ तो तय था चराग़ाँ हर एक घर के लिये
कहाँ चराग़ मयस्सर नहीं शहर के लिये

यहाँ दरख़्तों के साये में धूप लगती है
चलो यहाँ से चले और उम्र भर के लिये

न हो क़मीज़ तो घुटनों से पेट ढक लेंगे
ये लोग कितने मुनासिब हैं इस सफ़र के लिये

ख़ुदा नहीं न सही आदमी का ख़्वाब सही
कोई हसीन नज़ारा तो है नज़र के लिये

वो मुतमइन हैं कि पत्थर पिघल नहीं सकता
मैं बेक़रार हूँ आवाज़ में असर के लिये

जियें तो अपने बग़ीचे में गुलमोहर के तले
मरें तो ग़ैर की गलियों में गुलमोहर के लिये
~ दुष्यंत कुमार

-


2 OCT 2020 AT 11:04

किंतु, कुछ "सेवक" पूज रहे एक हत्यारे को
कैसी ये बर्बादी है
कुछ कोस रहे गांधी को, ये कैसी आज़ादी है

सोच है उनकी संकुचित, विचारों में उनके जहर है
ज्ञान का करते पाखंड, अज्ञानता का ये कहर है

बताओ उनको, अन्यायों की जब चल रही थी आँधी
न्याय दिलाने जनता को, जो लड़ा, वो था गाँधी

पूँछता है भारत, क्या भूल गए संघर्ष की वो दास्ताँ और कहानी
क्या बेच दिया ईमान सभी ने
या अब भी बाकी कोई सच्चा हिंदुस्तानी 🇮🇳

-


2 OCT 2020 AT 10:59

अपनी शक्तियों का ना उसे गुमान था
कर्तव्यनिष्ठता, दृढ़ संकल्प ही उसका स्वाभिमान था
आज़ादी मिली ना जब तक भारत को
तब तक कहाँ उसे विश्राम था

समाज का उत्थान किया, दलितों का उद्धार किया
जो भी मिला निःसहाय, नि:स्वार्थ उपकार किया

मानव सेवा ही जीवन था, मानवता को बचाना कर्म था
त्याग दिया हर मोह, अब शेष केवल राष्ट्रधर्म था

देखता परिदृश्य दूर तक, ऐनक उसके साथ थे
जरूरत नहीं हथियारों की, काफी उसके दो हाथ थे

त्याग कर मोह माया का आवरण, किया कवच सत्य का धारण
लक्ष्य था अब स्पष्ट, राह में मिले चाहे जीवन या मरण

-


2 OCT 2020 AT 10:53

" गांधी : एक विचारधारा "
🇮🇳
इंसान नहीं वो भगवान था, त्याग की मूरत व सत्यवान था
विश्वबंधुत्व का आघोषक, राष्ट्रहित को समर्पित निष्ठावान था

अहिंसा का पुजारी था, सहिष्णुता की पराकाष्ठा था
इंसानियत का भरोसा, मानवता की आस्था था

शस्त्र उसने भी उठाये, पर अहिंसा उसकी तलवार थी
आज़ादी दिलाने हिंदुस्तान को, ठानी जो इस बार थी
फैला हुआ था फिरंगियों का जो जाल
बचाने उससे हिंदुस्तान को, सत्य उसकी ढाल थी

-


10 SEP 2020 AT 21:35

उम्र बीत गयी लोगों की हमें आजमाने में
मिला न कोई हम सा दूसरा ज़माने में

-


29 AUG 2020 AT 19:42

Life & Highways are same
Overtake the others
Otherwise they will overtake you





-


27 AUG 2020 AT 22:09

बीच डगर छोड़ गया मुझको तू
मंजिल पाना चाहूँ, तो कैसे

दिल तो तूने दुखा ही दिया
वापस आना चाहूँ, तो कैसे

-


Fetching Quotes